राजस्थान में 25 नवंबर को चुनाव हैं। चुनावों के इस माहौल में भी लगातार दलितों के खिलाफ हो रहे अपराध सामने आ रहें हैं। जैसे अभी हाल ही में राजस्थान के दौसा जिले में 4 साल की दलित मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई थीं।
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वहीं दूसरी ओर राजस्थान के कोटखावदा में भी अनुसूचित जनजाति (ST) की लड़की के साथ गैंगरेप और फिर मौत की खबर ने राजस्थान में बवाल मचा दिया था। इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि राजस्थान में आज भी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है। आज भी राजस्थान में दलितों के खिलाफ बढ़ रहे अपराध थमने का नाम नहीं ले रहें हैं।
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गहलोत सरकार को घेरा:
राजस्थान के इस चुनावी माहौल में पार्टियां भी इन घटनाओं के ज़रिये अशोक गहलोत की सरकार को घेर रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि कांग्रेस के राज में राजस्थान में लगातार मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रहीं हैं।
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भाजपा के कार्यकर्ताओं ने क्या कहा?
प्रधामंत्री मोदी ने यह भी कहा है कि कांग्रेस सरकार महिलाओं और दलितों के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को रोकने में असफल रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमितशाह सहित भाजपा के कार्यकर्ता भी राजस्थान में हो रहे दलित और महिला अपराधों के जरिये विधानसभाओं में जाकर गहलोत सरकार को घेर रहें हैं। भाजपा सरकार इस बात की पुष्टी करने में लगी हुई है कि राजस्थान में गहलोत के राज में दलितों का कितना शोषण हुआ है।
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क्या कहती है NCRB की रिपोर्ट:
आंकड़ो की बात करें तो नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरों ( NCRB) ने भी इस बात का खुलासा किया है कि 2021 में बलात्कार की 6,342 घटनाएं सामने आई हैं। NCRB रिपोर्ट के मुताबिक देश में 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार की कुल घटनाएं 2,989 है। जिसमें से 1,453 घटनाएं केवल राजस्थान की हैं। राजस्थान में 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप घटनाएं ज़्यादा हैं और राजस्थान की यह स्थिति काफी चिंताजनक है।
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दलित अत्याचार:
NCRB की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि राजस्थान में 60 साल से अधिक उम्र की बुजुर्ग 4 महिलाओं के साथ और 30 साल से कम उम्र की 3,265 महिलाओं के साथ रेप की घटना हुई हैं। राजस्थान में अगर दलित अत्याचार की बात की जाए तो राजस्थान में 4 साल में 60 % दलितों पर अत्याचार बढ़ा है। और पिछलें 3 सालों में लगभग 21,000 दलित अत्याचार के मामले दर्ज हुए हैं।
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राजस्थान की वह घटनाएं जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया:
• मामला जुलाई 2021 का है जहां राजस्थान के भीलवाड़ा जिलें में दलित युवक को बकरी चोरी के आरोप में पेड़ से बांधकर पीटा गया। इस मामलें में 15 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया।
• मामला दिसंबर 2022 का है जहां राजस्थान के सिरोह जिले में कार्तिक भील हत्याकांड में न्याय नहीं मिला था। जिसकी वजह से परेशान दलितों का समूह राहुल गांधी से मिलने पहुंचा था। लेकिन उस समय राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में मगन थे।
• मामला मार्च 2023 का है जहां राजस्थान के झालवाड़ में दलित युवक को घोड़ी चढ़ने से रोका गया था।
• घटना अक्टूबर 2023 की है जहां राजस्थान के सूरतगढ़ में भी दलित बच्चियों का मकान बुल्डोजर से तोड़ा गया था और उनकी शिक्षा पर रोक लगाई गई थी।
• घटना सिंतबर 2023 की है जहां राजस्थान के जयपुर में दलित महिला को जिंदा जला दिया गया था। और उसके साथ रेप की आशंका भी जताई गई थी। राजस्थान में दलित आदिवासियों के खिलाफ अपराध चरम पर है।
• घटना अप्रैल 2023 की है जहां राजस्थान में रामप्रसाद मीणा ने
रसूखदार लोगों की प्रताड़ना से तंग आकर अत्महत्या कर ली थी।
• सितंबर 2023 में राजस्थान के डीडवाना में जातिवादी गुंडो ने दो दलित भाइयों की गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी।
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• जुलाई 2023 में भी राजस्थान में करौली के टोडाभीम में दलित छात्रा को गुंडों ने अगवा करके गैंगरेप किया। गोली मारी एसिड डाला और लाश को कुएं में फेंक दिया था।
• जून 2023 में भी एक दलित युवक अजय की हत्या के मामले पर राजस्थान पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की थी।
• अक्टूबर 2023 में भी राजस्थान के अलवर में मुस्लिम समुदाय के 1 दर्जन से ज़्यादा लोगों ने दलित दंपत्ति को जातिसूचक गालियां दी थीं। और उन्हें लाठियों से भी पीटा था।
• जुलाई 2023 में भी राजस्थान के किरौली में दलित युवती के साथ बर्बरता की गई थी।
• मामला सितंबर 2023 का है जहां राजस्थान सरकार ने इंदिरा गांधी रसोई योजना चलाई थी। लेकिन इस योजना के तहत दलितों के साथ भेदभाव किया गया उन्हे अलग बैठाकर खाना खिलाया गया था।
• मामला जुलाई 2023 का है राजस्थान में एक दलित व्यक्ति नंदकिशोर वाल्मीकि की 3 महिने पहले हत्या कर दी गई थी। लेकिन अब तक भी उन्हें न्याय नहीं मिला है। राजस्थान की सरकार ने पीड़ित परिवार की कोई भी सुनवाई और किसी तरह की सहायता नहीं की है।
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इन घटनाओं ने मचा दिया राजस्थान में बवाल:
• राजस्थान के बाड़मेर जिले में दलित समुदाय की कब्र को तोड़ दिया था।
• हनुमानगढ़ में बाबा साहेब अंबेडकर की फोटो लगाने के विवाद में दलित की हत्या।
• नागौर में दलित युवक की पिटाई के बाद उसके गुप्तांगों में पेचकस और पेट्रोल डाला गया।
• अलवर में पति के सामने एक दलित महिला के साथ रेप किया गया।
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• बीकानेर में दलित युवक प्रदीप मेघवाल की मूंछ रखने पर गोली मारकर हत्या। पाली में भी दलित युवक जितेंद्रपाल मेघवाल की मूंछ रखने पर चाकू से गोदकर हत्या।
• 11 जुलाई को करौली जिले का नादौती तहसील के भीलपाड़ा गांव में एक दलित युवती को गैंगरेप के बाद हत्या और शव को तेजाब से जलाकर कुएं में फेंका गया।
• 20 जून को बीकानेर जिले के खाजूवाला क्षेत्र में एक दलित बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या कर दी गई।
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इन घटनओं से यह बात स्पष्ट है कि राजस्थान में आज भी दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। सबसे दुखद बात यह है कि बलात्कारियों ने अबोध बच्चियों और 60 साल से अधिक बुजुर्ग महिलाओं तक को नहीं छोड़ा है। इन घटनाओं की वजह से राजस्थान की सरकार घेरे में है। चुनावी माहौल में BJP पार्टी इन घटनाओं को लेकर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार निशाना साध रहीं हैं।
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