नीतीश कुमार ने दलितों का किया अपमान, संवैधानिक पद के लायक नहीं

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पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। सुशील मोदी ने कहा कि महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी के बाद नीतीश कुमार दलित समाज के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भड़क गए। उनके लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के इस व्यवहार से तो लगता है कि उनकी मानसिक स्थिति खराब है। क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।

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दलित समाज का किया अपमान :

दरअसल यह मामला गुरुवार 9 नवंबर का है। जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में जीतन राम मांझी पर भड़क गए थे। इस मामले में सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि महिलाओं के लिए बिहार विधानसभा में अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद अब नीतीश कुमार ने दलित समाज के नेता जीतन राम मांझी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। नीतीश कुमार ने इस तरह की भाषा का प्रयोग करके न केवल जीतन राम मांझी का अपमान किया है बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान किया है।

 

NITISH KUMAR BIHAR CM, IMAGE CREDIT BY GOOGLE

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दलित उत्पीड़न का केस दर्ज हो जाता:

 

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल अगर वह सदन के बाहर करते तो उन पर दलित उत्पीड़न का केस दर्ज हो जाता। मोदी ने कहा कि अगर जीतन राम दूसरे समुदाय से होते तो इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल करने की उनकी हिम्मत नहीं होती।

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नीतीश ने मांझी को क्या कहा ?

गुरुवार को भरी सदन में मांझी ने जब आरक्षण पर सवाल खड़ा किया तब इस पर नीतीश कुमार भड़क गए और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए उम्रदराज मांझी को भरी सदन में कहा कि “ मेरी गलती है कि तुमको हमने ही मुख्यमंत्री बनाया था इसे कोई सेंस नहीं है ऐसे ही बोलते रहता है कोई मतलब नहीं है इस तरह के अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए नीतीश ने मांझी का अपमान कर दिया।”

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JITAN RAM MANJHI , MEMBER OF BIHAR ASSEMBLY IMAGE CREDIT BY GOOGLE

मांझी का बयान :

 

मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने बताया कि जब वह सदन में शैक्षणिक संस्थओं में आरक्षण और नामाकंन के लिए बोल रहे थे। कि  ” हम आरक्षण दे देते हैं नामांकन का नियम बना देते हैं लेकिन इनकी समीक्षा नहीं होती। बाबा साहेब अंबेडकर ने भी यह कहा था कि हर 10 वर्ष में इनकी समीक्षा होनी चाहिए। लेकिन इनकी समीक्षा नहीं होती है।  मांझी ने आगे कहा कि जो ऑफिसर SC (अनुसूचित जाति )और ST (अनुसूचित जनजाति )से हैं उन्हें प्रमोशन में कम से कम 16% आरक्षण मिलना चाहिए था ।लेकिन आज केवल उन्हें 3% आरक्षण मिलता है। इस बयान पर नीतीश कुमार भरी सदन में मुझ पर भड़क गए।”

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मांझी ने मीडिया से बातचीत में आगे कहा कि  “हम शेड्यूल कास्ट से हैं इसलिए अध्यक्ष ने मुझे सदन में बोलने नहीं दिया। उन्होंने आगे आगे कहा कि सदन में दलित की बात नहीं सुनी गई। मांझी ने नीतीश को लेकर एक ओर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि नीतीश को विषैला पदार्थ खिलाया जा रहा है।”

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SUSHIL KUMAR MODI, MEMBER OF RAJYA SABHA IMAGE CREDIT BY GOOGLE

सवैधानिक पद के लायक नहीं:

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के इस व्यवहार से ऐसा लगता है कि अब उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई है। मोदी ने कहा कि वह अब संवैधानिक पद पर बने रहने लायक नहीं है।

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नीतीश कुमार को आराम करना चाहिए:

मोदी ने कहा कि गुरुवार को सदन में जिस तरह का व्यवहार उन्होंने किया उससे यह साफ है कि उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। मोदी ने कहा कि “एक मित्र के नाते सलाह है कि अब नीतीश कुमार को अपने उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर आराम करना चाहिए।“

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