भयानक जल संकट से जूझते झारखंड के सिमरादोहर दलित मोहल्ले के लोग, खरपतवार भरे कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर

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जब तक जलमीनार ठीक नहीं हो जाता तब तक उन्हें पानी टैंकर से पेयजल की आपूर्ति की जाए। इस मामले में पंचायत के समाजसेवी कमल पंडित का कहना है कि गांव वालों की समस्या की ओर कोई भी जनप्रतिनिध ध्यान नहीं दे रहें हैं। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को टैंकर से गांव वालों के लिए पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए…

JHARKHAND NEWS : झारखंड में दलित समुदाय गंदा पानी पीने को मजबूर है। दरअसल झारखंड के बरही गांव में जलमीनार तीन महीने से खराब पड़ी है जिसकी वजह से इस भीषण गर्मी में गांव वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानाकारी के मुताबिक दलित समुदाय के लिए ये जलमीनार ही पानी का एक मात्र सहारा थी लेकिन इसके खराब होने के कारण दलित समुदाय गंदा पानी पीने को मजबूर है।

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3 महीने से जलमीनार खराब :

दरअसल ये पूरा मामला झारखंड के बरही गांव का है। जानकारी के मुताबिक बरही प्रखंड के दुलमाहा पंचायत के बुडीढीह गांव के सिमरादोहर दलित मोहल्ले में तकरीबन 3 महीने से जलमीनार खराब है जिसकी वजह से गांव के लोगों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही और इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इस दलित मोहल्ले में केवल जलमीनार ही पानी का सहारा थी अब वह भी खराब पड़ी है। अब सभी गांव वाले सालों पहले बनें खरपतवार से भरे कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर है।

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पानी की किल्लत का सामना :

गांव वालो का कहना है कि राजदेव भुइंया के घर के पास इस जलमीनार को लगाया गया था लेकिन ये जलमीनार तकरीबन 3 महीने से खराब पड़ी है। चापानल भी खराब पड़ा है जिसकी वजह से गांव वालों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गांव वालों का ये भी कहना है कि उन्होंने निजी पैसों से जलमीनार को कई बार ठीक करवाया है और इस जलमीनार का खर्चा 4 लाख रुपये तक है। गांव वालों का ये भी कहना है कि इस मोहल्ले में दलित समुदाय के 30 परिवार निवास करते हैं। अब जलमीनार के खराब होने से उन्हें पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

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गांव वालों का आरोप :

गांव वालों ने आरोप लगाया है कि जलमीनार को ठीक करने में किसी अधिकारी और स्थानीय पंचायत प्रतिनिध ने अपनी कोई भूमिका अदा नहीं की है। जिसकी वजह से पंचायत प्रतिनिधियों के प्रति गांव वालों में काफी गुस्सा है। गांव वालों ने मांग की है कि जल्द से जल्द जलमीनार को ठीक करवाया जाए। उनका कहना है कि जब तक जलमीनार ठीक नहीं हो जाता तब तक उन्हें पानी टैंकर से पेयजल की आपूर्ति की जाए।
इस मामले में पंचायत के समाजसेवी कमल पंडित का कहना है कि गांव वालों की समस्या की ओर कोई भी जनप्रतिनिध ध्यान नहीं दे रहें हैं। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को टैंकर से गांव वालों के लिए पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए।

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