झारखंड में आदिवासी महापर्व सरहुल शोभायात्रा में लगे ‘जेल का ताला टूटेगा-हेमंत सोरेन छूटेगा’ के नारे, 26 लोगों के खिलाफ FIR

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रांची के कोतवाली थाना में दंडाधिकारी विनय कुमार के बयान को आधार बनाकर दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि फूलचंद तिर्की के नेतृत्व में निकाली गयी झांकी में राजनीतिक मंशा से धार्मिक अवसर का उपयोग किया गया। धार्मिक झांकी में राजनीतिक बातों को लगाया गया। यह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है….

कल 11 अप्रैल को आदिवासियों के बीच धूमधाम से प्रकृति का महापर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया, देशभर में इस पर्व के मौके पर शोभायात्रायें निकली। ऐसी ही एक शोभायात्रा झारखंड में आदिवासियों द्वारा निकाली गयी, मगर यह अन्य से थोड़ा अलग थी। पुलिस प्रशासन का आरोप है कि केंद्रीय सरना समिति द्वारा राजनीतिक मंशा से धार्मिक अवसर का उपयोग किया गया था, इसलिए आपत्तिजनक झांकी निकालने के कारण 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मजिस्ट्रेट विनय कुमार के बयान पर कोतवाली थाना में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष समेत लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

रांची के कोतवाली थाना में दंडाधिकारी विनय कुमार के बयान को आधार बनाकर दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि फूलचंद तिर्की के नेतृत्व में निकाली गयी झांकी में राजनीतिक मंशा से धार्मिक अवसर का उपयोग किया गया। धार्मिक झांकी में राजनीतिक बातों को लगाया गया। यह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय सरना समिति द्वारा रांची में सरहुल जुलूस के दौरान ‘जेल का ताला टूटेगा – हेमंत सोरेन छूटेगा’ की नारेबाजी के साथ जेल में बंद हेमंत सोरेन की झांकी निकाली थी। झांकी में यह भी दिखाया गया था कि झारखंड के विकास के लिए लड़ने वाले हेमंत सोरेन का ईडी और सीबीआई द्वारा शोषण किया जा रहा है।

जिला प्रशासन की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की समेत 26 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। आरोपियों में समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, प्रशांत टोप्पो, निर्मल पाहन, महासचिव संजय तिर्की, सचिव विनोद उरांव के अलावा सदस्य राजू उरांव, सुरेंद्र मुंडा, पंचम लोहरा, विनोद भगत, शंकर लोहरा, राम उरांव, आकाश उरांव, दिनु उरांव, बलकू उरांव, किशोर लोहरा, सोनू तिर्की, कुलदीप सांगा, सोमरा उरांव, ललित कच्छप, प्रदीप लकड़ा, रवि लोहरा और भुनेश्वर लोहरा सहित 26 लोगों को नामजद बनाया गया है।

जानकार के मुताबिक मजिस्ट्रेट विनय कुमार द्वारा दर्ज किए गए बयान के आधार पर कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई। विनय कुमार को रांची में महात्मा गांधी रोड पर सरहुल जुलूस निकाले जाने के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त किया गया था। एफआईआर के मुताबिक, फूलचंद तिर्की की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सरना समिति की ओर से निकाली गई झांकी के जरिए धार्मिक मौके का इस्तेमाल राजनीतिक मंशा से किया गया था। धार्मिक उद्देश्यों के लिए निकाली गई झांकी में राजनीतिक मुद्दों को प्रदर्शित किया गया था, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। झांकी का वीडियो फुटेज जिला प्रशासन के पास उपलब्ध है।’

एफआईआर में आगे टिप्पणी की गयी है कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू है और केंद्रीय सरना समिति को धार्मिक अवसर को राजनीतिक अवसर के रूप में उपयोग करते हुए इसका उल्लंघन करते हुए पाया गया है, इसलिए इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है।

वहीं एक अन्य मामले में रांची में अरगोड़ा के पिपराटोली सरना समिति की ओर से निकाली गई एक आपत्तिजनक झांकी के मामले में भी मजिस्ट्रेट के बयान पर कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करायी गई है। मजिस्ट्रेट विनय कुमार के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में झांकी निकालने वाली समिति के अध्यक्ष और अन्य को आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि इस झांकी में आदिवासियों को पुलिस बल द्वारा दबाते हुए दिखाया गया है। साथ ही झांकी में अडानी देश छोड़ो का स्लोगन भी लिखा हुआ था।

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