पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। सुशील मोदी ने कहा कि महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी के बाद नीतीश कुमार दलित समाज के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भड़क गए। उनके लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के इस व्यवहार से तो लगता है कि उनकी मानसिक स्थिति खराब है। क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।
यह भी पढ़ें: सीधी पेशाब कांड के पीड़ित पर छाया राजनीतिक खुमार
दलित समाज का किया अपमान :
दरअसल यह मामला गुरुवार 9 नवंबर का है। जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में जीतन राम मांझी पर भड़क गए थे। इस मामले में सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि महिलाओं के लिए बिहार विधानसभा में अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद अब नीतीश कुमार ने दलित समाज के नेता जीतन राम मांझी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। नीतीश कुमार ने इस तरह की भाषा का प्रयोग करके न केवल जीतन राम मांझी का अपमान किया है बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान किया है।
यह भी पढ़ें:बिहार नीतिश सरकार बढ़ाएगी आरक्षण का दायरा, 50 से 75 फीसदी हो जाएगा आरक्षण ?
दलित उत्पीड़न का केस दर्ज हो जाता:
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल अगर वह सदन के बाहर करते तो उन पर दलित उत्पीड़न का केस दर्ज हो जाता। मोदी ने कहा कि अगर जीतन राम दूसरे समुदाय से होते तो इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल करने की उनकी हिम्मत नहीं होती।
यह भी पढ़ें:आंध्रप्रदेश दलित युवक का अपहरण कर पीटा, पानी मांगा तो उस पर पेशाब किया
नीतीश ने मांझी को क्या कहा ?
गुरुवार को भरी सदन में मांझी ने जब आरक्षण पर सवाल खड़ा किया तब इस पर नीतीश कुमार भड़क गए और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए उम्रदराज मांझी को भरी सदन में कहा कि “ मेरी गलती है कि तुमको हमने ही मुख्यमंत्री बनाया था इसे कोई सेंस नहीं है ऐसे ही बोलते रहता है कोई मतलब नहीं है इस तरह के अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए नीतीश ने मांझी का अपमान कर दिया।”
यह भी पढ़ें:राजस्थान 2023 के विधानसभा चुनावों में किस ख़ेमे में जाएगा दलित और आदिवासी वोट ??
मांझी का बयान :
मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने बताया कि जब वह सदन में शैक्षणिक संस्थओं में आरक्षण और नामाकंन के लिए बोल रहे थे। कि ” हम आरक्षण दे देते हैं नामांकन का नियम बना देते हैं लेकिन इनकी समीक्षा नहीं होती। बाबा साहेब अंबेडकर ने भी यह कहा था कि हर 10 वर्ष में इनकी समीक्षा होनी चाहिए। लेकिन इनकी समीक्षा नहीं होती है। मांझी ने आगे कहा कि जो ऑफिसर SC (अनुसूचित जाति )और ST (अनुसूचित जनजाति )से हैं उन्हें प्रमोशन में कम से कम 16% आरक्षण मिलना चाहिए था ।लेकिन आज केवल उन्हें 3% आरक्षण मिलता है। इस बयान पर नीतीश कुमार भरी सदन में मुझ पर भड़क गए।”
यह भी पढ़ें:कर्नाटक : कांग्रेस सरकार में फिर हुई दलित नेता की हत्या
मांझी ने मीडिया से बातचीत में आगे कहा कि “हम शेड्यूल कास्ट से हैं इसलिए अध्यक्ष ने मुझे सदन में बोलने नहीं दिया। उन्होंने आगे आगे कहा कि सदन में दलित की बात नहीं सुनी गई। मांझी ने नीतीश को लेकर एक ओर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि नीतीश को विषैला पदार्थ खिलाया जा रहा है।”
यह भी पढ़ें:लोकसभा चुनावों में अखिलेश का “PDA” फॉर्मूला कितना कारगर ? विपक्षियों ने बताया..
सवैधानिक पद के लायक नहीं:
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के इस व्यवहार से ऐसा लगता है कि अब उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई है। मोदी ने कहा कि वह अब संवैधानिक पद पर बने रहने लायक नहीं है।
यह भी पढ़ें:कर्नाटक : कांग्रेस सरकार में फिर हुई दलित नेता की हत्या
नीतीश कुमार को आराम करना चाहिए:
मोदी ने कहा कि गुरुवार को सदन में जिस तरह का व्यवहार उन्होंने किया उससे यह साफ है कि उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। मोदी ने कहा कि “एक मित्र के नाते सलाह है कि अब नीतीश कुमार को अपने उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर आराम करना चाहिए।“
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।