7 नवंबर मंगलवार को बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की सरकार ने बिहार विधानसभा में जाति और आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश की है। बिहार सरकार ने इसी साल अक्टूबर माह में जातिगत जनगणना के आंकड़े पेश किए थे जिसे लेकर बीजेपी ने आपत्ती जताई थी। और अब इस रिपोर्ट को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया। जहां सरकार ने आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़ों के बारे में बताया।
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बिहार में एक तिहाई जनसंख्या गरीब:
आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि बिहार में तकरीबन एक तिहाई जनसंख्या गरीब हैं। इस जनसंख्या में अनुसूचित जनजाति (ST) में 42.70 % और सामान्य वर्ग (GEN) में 29.9% परिवार गरीब हैं।
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केवल 7% लोग ही ग्रेजुएट हैं :
रिपोर्ट के अनुसार सामान्य वर्ग (GEN) के गरीब लोगों में सबसे ज़्यादा संख्या भूमिहार और ब्राम्हाणों की है। और शिक्षा के क्षेत्र में देंखे तो केवल 7% लोग ही ऐसे हैं जो ग्रेजुएट हैं। इस रिपोर्ट को जब सदन में पेश किया गया तो BJP पार्टी के लोगों ने बिहार सरकार पर जमकर हल्ला बोला।
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मासिक आय केवल छह हजार रुपये :
आर्थिक और शैक्षणिक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 34.13 % ऐसे परिवार हैं जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये है.। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में तकरीबन 64 लाख ऐसे परिवार हैं जो हर महीने 10,000 या इससे कम में गुजारा कर रहें हैं।
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बिहार में सामान्य वर्ग की आय:
वहीं सामान्य वर्ग में 10 से 20 हजार मासिक आय 19% आबादी है। 20 से 50 हजार मासिक आय 16% आबादी है। 50 हजार से ज्यादा मासिक आय वाले 9% हैं। छह हजार मासिक आय वाले 25% हैं।
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बिहार में गरीबी का आंकड़ा:
सामान्य वर्ग में 25.9 %
पिछड़ा वर्ग के 33.16 %
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%
अनुसूचित जाति में 42.93, %
अनुसूचित जनजाति में 42.70%
अन्य जातियों में 23.72 % गरीब परिवार हैं
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जाति के आधार पर गरीबी प्रतिशत:
मुसहर जाति के लोग 54 % लोग गरीब
दुसाध, धारी, धरही 39 %
चमार, मोची 42 %
25.32 % भूमिहार परिवार गरीब हैं।
25.3 % ब्राह्मण परिवार गरीब हैं।
24.89 % राजपूत परिवार गरीब हैं।
13.83 % कायस्थ परिवार गरीब हैं।
पठान (खान ) 22.20% परिवार गरीब है।.
17.61 % सैयद परिवार और पासी 38 % गरीब हैं।
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बिहार में शिक्षा का स्तर:
बिहार की 22.67% आबादी कक्षा 1 से 5 तक शिक्षित है।
14.33% आबादी कक्षा 6 से 8 तक शिक्षित हैं।
14.71% आबादी कक्षा 9 से 10 तक शिक्षित हैं।
वहीं 9.19% आबादी कक्षा 11 से 12 तक शिक्षित हैं।
वहीं 7% से ज्यादा आबादी के पास ग्रेजुएट की शिक्षा हैं।
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BJP ने जमकर हंगामा किया:
बिहार विधानसभा में जब जाति और आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश की गई तो इस पर BJP के नेताओं ने जमकर हंगामा किया। BJP के नेताओं ने इस पर जमकर नारेबाजी भी की। बिहार में BJP के नेता विजय सिन्हा ने भी कहा कि बिहार सरकार की कितनी लाशों पर भूख मिटेगी। बिहार में आए दिन अपराध होते रहते हैं। यहां अपराध चरम पर है। बिहार सरकार इस पर क्यों नहीं कुछ बोल रही है?
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इस पर बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि “मुझ पर आरोप लगाया कि हम तो घुमाते हैं लेकिन मैं यह बता दूं कि मेरी इतनी क्षमता नहीं कि मैं आसन को घुमा सकूं।“ इसके बाद सदन में विधायकों ने आंगनबाड़ी सेविका और रसोईया को सरकारी कर्मी का दर्जा देने और उनके वेतन बढ़ाने की मांग की।
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अगले दिन BJP के नेताओं ने आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर डिबेट करने को लेकर और प्रखंड स्तर तक डिटेल्स प्रकाशित करने के लिए हंगामा करने लगे। भाजपा विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने समझाने की कोशिश लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने। इसके बाद कुर्सी और टेबल भी उठाने की कोशिश करने लगे। लेकिन बाद में मामले को संभाल लिया गया।
आरक्षण को लेकर बोले नीतिश :
विधानसभा में जातीय जनगणना और आरक्षण पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाला प्रस्ताव पेश किया । मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि हमें SC,ST,OBC को दिये जाने वाले आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 65 फीसदी SC,ST,OBC को अब 10% अपर कास्ट को मिल जाएगा। इस तरह आरक्षण की सीमा 75 फीसदी हो जाएगी। पहले जहां 40 फीसदी सभी को फ्री था अब 25 फीसदी हो जाएगा।
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