देश भर में जय श्री राम के नारों के साथ हजारों रैलियाँ निकाली जा रही है। लेकिन एक नारा जो दलित समाज को गर्व महसूसस कराता है उस नारे पर लोगो को मिर्ची क्यों लग जाती है।
Casteism In Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश के शहडोल में “जय भीम जय बुद्धाय कहने पर जातिवादियों को इतनी मिर्ची लग गयी की उन्होंने दलित युवक को बेरहमी से पीट डाला। मामाल मामला शहडोल जिले ब्योहारी थाना क्षेत्र के ग्राम साखी का है। जहाँ शादी में ढोल बजाने के लिए गए दलित युवक के साथ मारपीट का मामला सामना आया है। फिलहाल पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है।
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जय भीम बोलने पर भड़के :
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्यप्रदेश के शहडोल जिले ब्योहारी थाना क्षेत्र के ग्राम साखी निवासी रामसुकुल राठौर के लड़के की शादी मे बैंड बजाने पहुंचे थे। पीड़ित दलित युवक चंद्रशेखर साकेत अपने साथियों राजेश साकेत, बबलू साकेत, नीरज साकेत, राजू साकेत के साथ ग्राम साखी गए थे। इस दौरान दलित युवक ने अपने पुष्पेन्द्र साकेत को फोन लगाया। फोन उठाते ही चंद्रशेखर ने जय भीम भाई, नमो बुद्धाय बोला। जिसे सुनकर पास में खड़े जातिवादि लोग भड़क गए। और दलित युवक को गंदी गंदी गालियाँ देकर पीटना शुरू कर दिया।
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जान से मारने की दी धमकी :
जानकारी के मुताबिक दलित के मुंह से जय भीम, जय बुद्धाय सुनने पर पास में खड़े डब्बू गौतम और शिवांशु गौतम आए और बोले कि तू क्या बोल रहा है? दोनों ने गंदी-गंदी गालियां दी और पीटने लगे। शोर सुनकर राजेश, राजू बीच-बचाव करने आए। लेकिन दोनों आरोपियों ने चंद्रशेखर को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दी और वहां से चले गए। शिकायत के मुताबिक दलित युवक के साथ मारपीट में उसके चेहरे, सीने, गर्दन और माथे पर चोटें आई हैं। मंगलवार को हुई इस घटना के बाद पीड़ित ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियो के खिलाफ धारा 294, 323, 506, 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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हाय रे जातिवाद :
गौरतलब है कि देश भर में जो माहौल है उससे कोई अछूता नहीं रहा है। जय श्री राम के नारे जहां लोगों की ज़ुबान पर ऐसे चिपक गए हैं जैसे जलेबी से शहद। वहीं इस दौर में दूसरे समुदाय को नीचा दिखाने की पूरी कोशिश की जा रही है। जिसमे दलित समाज सबसे ऊपर है। इसे बिल्कुल ऐसे समझा जा सकता है कि अगर दलित समाज जय श्री राम के नारे बोलेगा तो पक्का सनातनी हो जाएगा। लेकिन वहीं अगर वह जय भीम बोलता है तो उसे मारा पीटा जाएगा। जान से मारने की धमकी दी जाएगी। सवाल सिर्फ इतना है कि जय भीम के नारे से इतनी तकलीफ़ क्यों है। ये शब्द सुनते ही जातिवादियों को मिर्ची क्यों लग जाती है ??
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