UP के सोनभद्र में आदिवासी महिला ने 2 लोगों पर लगाया सरकारी आवास का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप

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उत्तरप्रदेश में आए दिन महिला अपराध होते रहते हैं और एक बार फिर दुष्कर्म की घटना ने उत्तरप्रदेश को शर्मसार कर दिया है। दरअसल उत्तरप्रदेश में सरकारी आवास दिलवाने के बहाने आदिवासी महिला के साथ दो लोगों ने बारी बारी से दुष्कर्म किया। आखिर क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।

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मामला उत्तरप्रदेश के सोनभद्र का है जहां पर आदिवासी महिला को सरकारी आवास दिलवाने का झांसा देकर दो लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति (SC) और (ST) अनुसूचित जनजाति कोर्ट आबिद शमीम की अदालत ने अपराध मानते हुए बीजापुर के थानाध्यक्ष को FIR दर्ज करने और मामले की जांच पड़ताल करने का आदेश दिया।

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सरकारी आवास का झांसा :

जानकारी के मुताबिक पीड़ित बभनी थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली हैं। आदिवासी पीड़ित महिला ने अधिवक्ता रोशन लाल यादव को प्रार्थना पत्र लिखा। इस पत्र में पीड़िता ने बताया कि 2 महीनें पहले नधिरा का रहने वाला सुधीर पांडेय का बेटा अवधेश पांडेय और अम्मा टोला,थाना बीजापुर जिला सोनभद्र का रहने वाला चिंतामणि विश्वकर्मा का बेटा उदय नारायण विश्वकर्मा उसके घर आए और कहने लगे आपके लिए सरकारी आवास आया है हम मंजूर करवा देंगे। जल्द ही फॉर्म भरवा दिया जाएगा और उसके बाद हम लोग घर आएंगे और तुम अपना आधार कार्ड और राशन कार्ड और फोटो तैयार रखना। जब अधिकारी आएंगे तो हम तुम्हें अधिकारी के पास ले जाएंगे और सरकारी आवास पास करवा देंगे।

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जान से मारने की धमकी :

दोनों आरोपियों ने 2 जनवरी 2024 की रात को आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म किया। शाम 5 बजे 2 जनवरी को दोनो आरोपी पीड़िता के घर आए और कहा कि तुम हमारे साथ सभी कागज़ लेकर चलो अधिकारी रात 8 बजे आएंगे। इसके बाद कार में बैठाकर बकरिहवा ले गए और घर में बैठने को कहा और देर होने पर दोनों ने बारी बारी से दुष्कर्म किया और दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए। पीड़िता को इस बारे में बताने के लिए जान से मारने की धमकी दी। महिला भागकर अपने घर आई और बीजापुर पुलिस को घटना की जानकारी दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं की। फिर 9 फरवरी 2024 को रजिस्टर्ड डाक से सोनभद्र एसपी को सूचना दी फिर भी कोई कार्यवाई नहीं हुई और मजबूरन महिला ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। फिर अदालत ने बीजापुर के थानाध्यक्ष को FIR दर्ज करने और मामले की जांच पड़ताल करने का आदेश दिया।

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