सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने शिवपुरी में दलित युवक की हत्या पर भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार दलितों को ‘सेफ’ करने में पूरी तरह विफल रही है और इसके दावे खोखले साबित हुए हैं।
MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना क्षेत्र के इंदरगढ़ गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दलित युवक नारद की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई। नारद अपने मामा के घर आया हुआ था और सरपंच के बोरवेल से पानी भरने की “हिम्मत” दिखाई थी। इस कृत्य के कारण उसे कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना न केवल एक निर्दोष दलित युवक की हत्या को उजागर करती है, बल्कि यह दलित समाज के प्रति बढ़ते अत्याचारों और समाज में व्याप्त भेदभाव की दुखद तस्वीर पेश करती है।
सांसद चंद्रशेखर आज़ाद का विरोध
आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने इस बर्बर हत्याकांड पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना क्षेत्र के इंदरगढ़ गांव में दलित युवक नारद की बर्बर हत्या ने पूरे बहुजन समाज को झकझोर कर रख दिया है। नारद, जो अपने मामा के घर आया हुआ था, ने सरपंच के बोरवेल से पानी भरने की ‘हिम्मत’ की, और इसी ‘जुर्म’ में उसे लाठी-डंडों से इतना बेरहमी से पीटा गया कि उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकारों के “एक है तो सेफ है” जैसे दावे दलितों को “सेफ” करने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं। चंद्रशेखर आज़ाद ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी को ट्वीट करते हुए कहा, “@dgp_mp इस जघन्य अपराध के सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर सख्त से सख्त कार्यवाही करें।”
बीजेपी सरकार की आलोचना
चंद्रशेखर आज़ाद ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को उजागर करती हैं और यह बताती हैं कि सरकार के दावे सिर्फ दिखावे तक सीमित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के शासन में दलित समाज को सुरक्षा देने में सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है।
आज़ाद ने आरोप लगाया कि जबकि सरकारें दलितों के अधिकारों और सुरक्षा की बात करती हैं, असलियत में दलितों पर अत्याचारों में लगातार वृद्धि हो रही है। यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि दलितों के खिलाफ हिंसा में किसी प्रकार की कमी नहीं आ रही है, और सरकार के स्तर पर इस मुद्दे को लेकर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की जा रही।
पार्टी नेतृत्व का बयान
इस बीच, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के संगठन चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की है। सुनील बंसल को बंगाल, जबकि विनोद तावड़े को बिहार और यूपी का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। हालांकि, इस समय दलित समाज में इस मुद्दे पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या बीजेपी सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर इसे नजरअंदाज करती रहेगी।
दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष की आवश्यकता
शिवपुरी में दलित युवक की बर्बर हत्या ने एक बार फिर दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को उजागर किया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि राज्य सरकारों और उनके द्वारा किए गए दावों के बावजूद दलितों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है। सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने इसे केवल एक हत्या का मामला नहीं, बल्कि दलितों के खिलाफ समाज में व्याप्त भेदभाव और अत्याचारों का प्रतीक माना है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि सरकार ठोस कदम उठाए और समाज में जागरूकता फैलाए ताकि दलितों को उनका हक और सम्मान मिल सके।
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