UP के बदायूं में 8 साल बाद दलित लड़की को मिला न्याय, बलात्कार के अपराधी को 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा

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मेरी बेटी घर से जंगल की तरफ गयी थी जहाँ दो युवकों ने घेरकर उसका यौन उत्पीड़न किया। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद लोगों ने उसे बचाया…

Badaun Dalit minor rape case: उत्तरप्रदेश के बदायूं में एक दलित नाबालिग लड़की को न्याय मिलने में पूरे 8 साल का समय लग गया। 12 मार्च को बरेली की एक स्थानीय अदालत ने सामूहिक बलात्कार के एक आरोपी को 10 साल के कारावास की कठोर सज़ा सुनाई। जिस घटना के संबंध में ये फैसला दिया गया वो 8 साल पुराना यानी 2016 का है। साल 2016 में बदांयू के एक गांव में दो युवको द्वारा एक दलित नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था।

कब की है घटना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सितंबर 2016 में बदांयू के एक गांव में 17 साल की दलित लड़की के साथ दो युवकों ने दुष्कर्म किया था। जिसकी शिकायत पीड़िता के किसान पिता ने पुलिस में दर्ज करवाई थी। पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि, ‘मेरी बेटी घर से जंगल की तरफ गयी थी जहाँ दो युवकों ने घेरकर उसका यौन उत्पीड़न किया। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद लोगों ने उसे बचाया।’ पिता की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल करवाया और अदालत में उसका बयान दर्ज किया था। इसके बाद अदालत में सुनवाई के दौरान एक आरोपी को नाबालिग पाया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ मामाल जुवेनियल कोर्ट (juvenile court) में भेज दिया था।

दूसरे आरोपी का क्या हुआ था

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दूसरे आरोपी 27 वर्षीय आकाश कुमार उर्फ नन्हे के खिलाफ मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मिर्जा जीनत की अदालत में हुई। जहां उसे 10 साल के कठोर कारावास के साथ 30,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। अब 8 साल बाद एक स्थानीय अदालत ने पहले आरोपी को जो कि वारदात के दौरान नाबालिग था उसे नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार के आरोप में 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस

लोक अभियोजक वीरेंद्र सिंह वर्मा के मुताबिक, “दोनों आरोपियों पर आईपीसी (IPC) की धारा 376 (D) (गैंगरेप) के साथ-साथ पॉक्सो (Pocso Act ) एक्ट और एससी/एसटी एक्ट ( Sc/ St Act) के तहत आरोप लगाए गए थे। बचाव पक्ष के वकील को सुनने और सबूतों की समीक्षा करने के बाद अदालत ने दूसरे आरोपी आकाश को दोषी पाया जिसके बाद उसे सज़ा सुनाई गयी थी।

2016 में बदांयू में हुई थी और भी घटनाएं

ऐसा नहीं है कि साल 2016 में बदांयू में सिर्फ एक यही घटना हुई थी। इसके अलावा भी दो ऐसी घटनाएं सामने आयी थी, जिन्होंने इंसानियत को शर्मसार किया था। दी क्विंट की एक रिपोर्ट बताती है कि सितंबर 2016 में बदांयू में एक 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ एक नाबालिग लड़के ने दुष्कर्म किया। पीड़ित परिवार के मुताबिक पुलिस ने इसे सिर्फ छेड़छाड़ की घटना बता कर दर्ज किया जिसके बाद आरोपी को बाल सुधार ग्रह भेजा गया और जब वह वापस आया तो उसने उसी लड़की के साथ फिर दुष्कर्म को अंजाम दिया। इस दौरान लगातार पीड़ित परिवार अपनी बच्ची को न्याय दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाता रहा।

इसके अलावा फरवरी 2017 की एक घटना है जिसमें बदायूं जिले के एक गांव में 13 साल की दलित लड़की से दो युवकों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों ने पीड़िता के परिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से रोकने के लिए चार दिनों तक उन्हें गांव में बंदी की तरह रहने पर मजबूर भी किया था।

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