राजस्थान में दलित दूल्हे को जातिवादियों ने दी घोड़ी चढ़ने पर देख लेने की धमकी, सुरक्षा के लिए कलेक्टर और एसपी के पास लगाई गुहार

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जातिवादी लोगों ने बहुत पहले से ये फरमान जारी कर रखा है कि गांव में कोई भी दलित समाज का युवक घोड़ी पर बैठकर गांव से अपनी बारात नहीं निकालेगा, भीमसेना जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने कहा कि ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए…

RAJASTHAN NEWS : राजस्थान एक बार फिर से दलित अत्याचार के मामले में सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल राजस्थान में दलित अत्याचार इतने चरम पर है कि एक दलित दूल्हें ने जातिवादियों द्वारा शादी में घोड़ी पर न चढ़ने के फरमान के संदेह में कलेक्टर और एसपी से सुरक्षा की मांग की है।

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क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला राजस्थान के टोंक ग्राम पंचायत लांबाकला के बीलामाता गांव का है। इस गांव के रहने रणजीत बैरवा ने अपनी शादी में कलेक्टर और एसपी से सुरक्षा की मांग की क्योंकि रणजीत बैरवा को इस बात की शंका है कि कहीं जातिवादी लोगों की वजह से उसकी शादी में किसी तरह की अड़चन न आ सके। इसलिए रणजीत बैरवा अपने परिवार के साथ जिला मुख्यालय पहुँचे और कलेक्टर सौंम्या झा और एसपी संजीव नैन को ज्ञापन देकर बारात में सुऱक्षा मुहैया करवाने की मांग की।

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रणजीत ने क्या कहा ?

रणजीत ने अपने बयान में बताया कि 17 अप्रैल को उसकी शादी पीपलू तहसील के हांडीकलां गांव के रहने वाले प्रहलाद बैरवा की बेटी सोनी बैरवा के साथ होनी है। लेकिन उसके गांव जातिवादी लोगों ने बहुत पहले से ये फरमान जारी कर रखा है कि गांव में कोई भी दलित समाज का  युवक घोड़ी पर बैठकर गांव से अपनी बारात नहीं निकालेगा।

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भीमसेना जिलाध्यक्ष का बयान :

इस मामले में भीमसेना जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने कहा कि ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। ज्ञापन देते समय रणजीत बैरवा, रामस्वरुप बैरवा और सुखपाल बैरवा भी मौजूद रहे। ज्ञापन देते समय रणजीत बैरवा ने बताया कि उसके परिजनों ने गांव के जातिवादी लोगों से घोड़ी पर बारात निकालने के लिए अनुरोध किया था कि लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसलिए इस मामले में पुलिस सुरक्षा की मांग की गयी है।

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