तेलंगाना के स्कूल में छात्रों के धार्मिक पोशाक पहनने से मच गया बवाल, स्कूल में की तोड़फोड़ 

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तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से तकरीबन 625 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में मंचेरियल जिले के एक गांव कन्नेपल्ली में सेंट मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल के परिसर में घुसी।’जय श्री राम’ के नारे लगा रही भीड़ ने स्कूल के मुख्य द्वार पर स्थापित सेंट मदर टेरेसा की प्रतिमा पर पथराव किया और सुरक्षा कार्यालय को नष्ट कर दिया। इसके बाद गुस्साएं लोगों ने स्कूल परिसर के अंदर मार्च किया, गेट को नष्ट कर दिया और स्कूल की पहली और दूसरी मंजिल में प्रवेश किया और खिड़की के शीशे, फूलों के बर्तन और कार्यालय कक्ष को तोड़ दिया…

TELANGANA NEWS : तेलंगाना से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों की धार्मिक भावना को आहत कर दिया है। दरअसल तेलंगाना के एक स्कूल में प्रिंसिपल से मारपीट और परिसर में घुसकर तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों से धार्मिक पोशाक होने पर सवाल कर लिया जिसके बाद इस बारे में पता लगने पर लोगों ने इसका विरोध किया और गुस्साएं लोगों ने स्कूल में घुसकर तोड़फोड़ की और स्कूल के स्टाफ से भी मारपीट की गई। इस घटना का वीडियों भी वायरल हो रहा है।

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धार्मिक पोशाक पहनने पर सवाल :

दरअसल यह पूरा मामला तेलंगाना के मंचेरियल जिले के एक गांव कन्नेपल्ली में सेंट मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल का है। जहा पर स्कूल की प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों के धार्मिक पोशाक पहनने पर सवाल कर डाला और इस बारे में पता लगने पर लोगों ने इसका विरोध किया। गुस्साएं लोग स्कूल के परिसर में घुस गए जिसके बाद लोगों ने स्कूल के परिसर में तोड़फोड़ की औऱ स्कूल के स्टाफ के साथ भी मारपीट की और स्कूल की प्रिंसिपल पर भी गुस्सा निकाला।

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‘जय श्री राम’ के नारे लगाकर हमला किया गया :

जानकारी के मुताबिक इस मामले में 16 अप्रैल को हमलावरों ने कहा था कि स्कूल के प्रबंधन ने स्कूल में वर्दी की जगह धार्मिक पोशाक पहनकर कक्षा में शामिल होने वाले कुछ छात्रों से पूछताछ करके स्कूल के प्रबंधन ने उनके धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। इस मामले में भगवा रंग की कमीज और शॉल ओढ़े भीड़ तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से तकरीबन 625 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में मंचेरियल जिले के एक गांव कन्नेपल्ली में सेंट मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल के परिसर में घुसी।’जय श्री राम’ के नारे लगा रही भीड़ ने स्कूल के मुख्य द्वार पर स्थापित सेंट मदर टेरेसा की प्रतिमा पर पथराव किया और सुरक्षा कार्यालय को नष्ट कर दिया। इसके बाद गुस्साएं लोगों ने स्कूल परिसर के अंदर मार्च किया, गेट को नष्ट कर दिया और स्कूल की पहली और दूसरी मंजिल में प्रवेश किया और खिड़की के शीशे, फूलों के बर्तन और कार्यालय कक्ष को तोड़ दिया। इस घटना में स्कूल प्रबंधक फादर जैमोन जोसेफ पर हमला किया गया था लेकिन स्कूल के अन्य अधिकारियों द्वारा उन्हें बचा लिया गया था।

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फादर जोसेफ ने घटना के बारे में क्या बताया ?

इस घटना के मामले में “धन्य संस्कार के मिशनरी मण्डली के सदस्य फादर जोसेफ ने 17 अप्रैल को मैटर्स इंडिया को बताया कि “उन्होंने मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारा और मेरे पेट पर मुक्का मारा। किसी ने मुझे पीछे से भी मारा, इस मामले में पादरी का यह भी कहना है कि स्कूल ने छात्रों को अपने धार्मिक परिधान पहनने की अनुमति नहीं दी ये आरोप पूरी तरह से गलत है। घटना के बारे में बताते हुए, पुजारी ने कहा, “स्कूल के प्रिंसिपल ने 15 अप्रैल को कक्षा में कुछ छात्रों को यूनिफॉर्म के बजाय धार्मिक पोशाक पहने हुए पाया”। फादर जॉबी, प्रिंसिपल, मंडली से भी, उन्हें कार्यालय में बुलाया और स्पष्टीकरण मांगा। जब उन्होंने उसे बताया कि यह 21 दिनों के विशेष धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है, तो पुजारी ने उन्हें इसके बारे में और जानने के लिए अपने माता-पिता को लाने के लिए कहा। माता-पिता को लाने के बजाय, एक छात्र ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें प्रिंसिपल पर छात्रों को धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति देने से इनकार करने का आरोप लगाया गया।

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18 जवानों को तैनात किया गया :

फादर जोसेफ ने बताया, “जैसे ही वीडियो फुटेज प्रसारित हुआ, लगभग 100 लोग परिसर में घुस गए और बाद में करीब 1,000 लोग स्कूल पहुंचे और तोड़फोड़ की। इस बीच, राज्य जिला प्रशासन ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 18 जवानों को तैनात करते हुए स्कूलों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। पुजारियों ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है, लेकिन भीड़ में से करीब 120 लोगों की पहचान करने के बाद भी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। फादर जोसेफ ने कहा कि उन्हें पता चला है कि पुलिस ने प्रिंसिपल और अन्य के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अन्य आरोपों के आरोप में मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें इसकी आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है.’

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डीसीपी अशोक कुमार का बयान :

इस घटना को लेकर मंचेरियल जिले के DCP अशोक कुमार ने मीडिया को बताया कि “एग्जाम चल रहे थे. एग्जाम के बाद प्रिंसिपल ने छात्रों से कहा कि वो यूनिफॉर्म पहनकर आएं अगर उन्हें भगवा कपड़े पहनने हैं तो उन्हें मंजूरी लेनी होगी. इसके चलते उन बच्चों के पैरेंट्स नाराज हो गए. इससे पहले भी प्रिंसिपल के खिलाफ कुछ शिकायतें आई थीं. ये सब उन पैरेंट्स के दिमाग में था. उस दिन मंगलवार था और वहां पास में एक मंदिर है. स्थिति तेजी से बिगड़ गई और स्कूल में तोड़फोड़ हो गई.” पुलिस ने बताया कि स्टूडेंट्स हनुमान दीक्षा ले रहे थे. ये 41 दिन की एक प्रक्रिया होती है। इस मामले में दो FIR दर्ज की गई है और पहली FIR बच्चों के पैरेंट्स की शिकायत पर और दूसरी स्कूल प्रशासन की शिकायत पर की गई है। पुलिस का कहना है कि वो वीडियोज की की जांच कर रही है और आरोपियों को पहचानने की कोशिश कर रही है.जांच कर रही है और आरोपियों को पहचानने की कोशिश कर रही है।

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