कानपुर में दिनदहाड़े भूमाफिया संतोष राजपूत ने दलितों के मकान पर चलाया बुलडोजर, वीडियो वायरल

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो दलित परिवारों के मकान दिन दहाड़े बुलडोजर से ढहा दिए गए। जानकारी के मुताबिक कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र में भूमाफिया संतोष राजपूत ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दलित फूलचंद्र और उसकी पड़ोसन कंचन पासवान के घर पर बुलडोजर चलवा दिया। मामले में पीड़ित ने ज्वॉइंट सीपी को शिकायत पत्र लिखा है जिसपर ज्वाइंट सीपी ने एसीपी पनकी को तत्काल मामले में जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। बहरहाल, पीड़ित फूलचंद्र ने पुलिस पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है।

भूमाफिया ने ढहाया दलितों का घर:

घटना बीते गुरुवार सामने आई जब पीड़ित की शिकायत पर ज्वाइंट सीपी ने जांच के निर्देश दिए। हालांकि अपनी शिकायत में पीड़ित दलित व्यक्ति फूलचंद्र ने मामला 29 दिसम्बर का बताया है। शिकायत में कहा गया है 29 दिसम्बर को गांव का भूमाफिया संतोष राजपूत अपने साथियों राम सिंह, शिव बालक, सुरेश और सतोष का बेटा सत्यजीत के साथ दिनदहाड़े उसके घर पर आ गया। सभी ने मिलकर उसके घर पर बुलडोजर चला दिया। जिस वक्त बुलडोजर चलाया गया था उस वक्त घर में फूलचंद्र का पोता सो रहा था जिसकी जान जाते जाते बची।

कानपूर जर्नलिस्ट क्लब में पीड़ित दलित परिवार जिसका मकान बुलडोजर से ढहा दिया गया (image: social media)

पुलिस की मिलीभगत:

पीड़ित ने अपनी शिकायत में पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित का कहना है कि भूमाफिया संतोष और उसके साथियों के साथ पुलिस वाले भी आए थे। आरोपियों और पुलिस की मिलीभगत से घर को बुलडोजर दे तोड़ा गया। इतना ही नही विरोध करने पर फूलचंद्र की दलित पड़ौसन कंचन पासवान का घर भी बुलडोजर से ढहा दिया गया। घटना के दौरान पुलिस कर्मियों ने फूलचंद्र की बहू सोनी से गालीगलौज भी की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पीड़ित को कहते सुना जा सकता है कि “पुलिस ने भूमाफिया से पैसे खाएं है और इसलिए दलितों के मकान पर बुलडोजर चलाने में पुलिस द्वारा मदद की जा रही है।”

 

पीड़ित की ज़मीन को हड़पना चाहता है संतोष राजपूत:

अपनी शिकायत में फूलचंद्र ने कहा है कि अपने बुजुर्गों के समय से आराजी 368 की 1 बीघा 11 बिस्वा ज़मीन पर पीड़ित दलित परिवार रह रहा है। इसी ज़मीन से उनका जीवन यापन होता है। लेकिन गांव के लेखपाल से सांठगांठ करके संतोष राजपूत उनकी जमीन हड़पना चाहता है। इसीलिए 29 दिसंबर को उसका घर दिनदहाड़े बुलडोजर से ढहा दिया गया। दलित फूलचंद्र ने आरोप लगते हुए कहा है कि जब मामले की शिकायत करने पुलिस स्टेशन पहुंचे तो और पनकी के एसीपी से न्याय की गुहार लगाई लेकिन उनकी सुनवाई नहीं कि गयी। कानपुर के बहेड़ा गांव में दो दलित परिवारों का मकान तोड़ कर उनके सर से छत छीन ली गयी और मामले में कार्यवाही भी नहीं कि गयी।

बहरहाल, शिकायत के बाद ज्वाइंट सीपी ने पनकी के एसीपी से जांच कर मामले में कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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