लखीमपुर खीरी में पुलिस हिरासत में दलित शख्स की संदिग्ध मौत, परिजनों के गंभीर आरोपों का पुलिस ने किया खंडन

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मृतक के परिजन पुलिस से अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग लेकर अड़े रहे। परिजनों ने शव को सड़क पर रख उसकी पीठ पर मौजूद नीले निशान सभी को दिखाए और अपनी बात पर अड़े रह की पुलिस की पिटाई से आसाराम की मौत हुई है। पुलिस ने लोगों को कस्ता चौराहे पर जाने से रोकने का प्रयास किया। इससे लोग और आक्रोशित हो गए…

 

Dalit man death in police custody: उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस स्टेशन में एक दलित की मौत का मामला गरमा गया। पुलिस के मुताबिक व्यक्ति की मौत तबियत बिगड़ने की वजह से हुई वहीं परिजनों का कहना है कि पुलिस पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन लेकर गई थी जहां दलित व्यक्ति को बेरहमी से मारा गया और उसे बिजली के झटके दिए गए जिसके बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस हिरासत में हुई मौत पर आक्रोशित लोगों ने शनिवार सुबह करीब आठ बजे लखीमपुर-मैगलगंज मार्ग पर कस्ता चौराहे पर शव रखकर धरना दिया और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। जानकारी के मुताबिक 6 घंटे तक सड़क जाम रही जिसके बाद पुलिस के आश्वासन पर परिजनों ने धरना खत्म किया। और जाम खुल पाया।

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हत्या के मामले में पूछताछ :

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तीन अप्रैल को पकरिया जलालपुर गांव में लापता पांच साल की बच्ची अंशू की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। लापता होने के 26 घंटे बाद उसका शव घर से 100 मीटर की दूरी पर मिला। इसी मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने गांव के दलित व्यक्ति आसाराम को हिरासत में लिया था। जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। थानाध्यक्ष के मुताबिक बच्ची की हत्या में शुक्रवार की शाम चार बजे आसाराम को थाने लाया गया। आसाराम का पेट खराब था, उसको सीएचसी ले जाया गया। जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रात करीब 10 बजे उसकी मौत हो गई।

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पुलिस पर गंभीर आरोप :

अमर उजला की रिपोर्ट के मुताबिक आसाराम के परिजन ने आरोप लगाया कि मितौली थाना परिसर में पुलिस ने आसाराम को बेरहमी से पीटा। करंट भी लगाया, जिससे उसकी मौत हो गई। जब मौत हो गई, तब हम लोगों को सूचना दी। रात में ही पुलिस ने शव परिजनों को बीमारी से मौत होने की बात कहते हुए सौंप दिया था। सुबह गांव में तनाव फैल गया। परिजनों के साथ सैकड़ों ग्रामीण सड़क पर उतर आए। सड़क पर शव रखकर विरोध किया। इस विरोध से सड़क पर जाम लग गया। जानकारी के मुताबिक सूचना मिलते ही थानों की फोर्स पहुंच गई। पुलिस अफसर भी सक्रिय हो गए।

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परिजनों में भारी आक्रोश :

पूरी घटना के बाद ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ भारी आक्रोश देखने के लिए मिला। सड़क पर शव रख कर परिजनों ने विरोध किया। इस विरोध में सबसे ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया। मृतक के परिजन पुलिस से अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग लेकर अड़े रहे। परिजनों ने शव को सड़क पर रख उसकी पीठ पर मौजूद नीले निशान सभी को दिखाए और अपनी बात पर अड़े रह की पुलिस की पिटाई से आसाराम की मौत हुई है। पुलिस ने लोगों को कस्ता चौराहे पर जाने से रोकने का प्रयास किया। इससे लोग और आक्रोशित हो गए।

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जानकारी के मुताबिक एएसपी, सीओ समेत कई अफसर और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। कस्ता चौराहे पर लगे भीषण जाम को खुलवाने पहुंचे एडिशनल एसपी नैपाल सिंह ने हेलमेट पहनकर मोर्चा संभाला। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को रोका तो वह और ज्यादा आक्रोशित हो गए। पुलिस से नोकझोंक के साथ धक्कामुक्की भी हुई। तनाव देखते हुए पीएसी भी बुला ली गई। चौराहा जाम होने से बड़ी संख्या में लोग फंस गए। मृतक आसाराम की पत्नी रो-रोकर बेहोश हो रही थी। अफसरों ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे बाद आक्रोशित लोग शांत हुए। दोपहर करीब 12.45 बजे कस्ता चौराहे से हटे।

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