वह मंच से तीखे स्वर में बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोल रहे थे हालांकि सीतापुर में बीजेपी की आतंकवादियों से करने पर उनके ऊपर FIR दर्ज हो गयी थी।
दो महिने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने है जिसके लिए सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। बीजेपी, कांग्रेस और इनेलो-बसपा का गठबंधन चुनावों को लेकर हुंकार भरने लगे है। 4 अगस्त से बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद लगातार हरियाणा में चुनावी जनसभा कर रहे है और लोगों से उनके गठबंधन को वोट करने के लिए कह रहे है। यही नहीं वह लगातार सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC, ST लिस्ट के वर्गीकरण यानी कोटे में कोटा वाले फैसले से दलित , आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ेगी यह बता रहे हैं। साथ ही हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकाल की भी जमकर पोल खोल रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर आकाश को लेकर कई तरह की बातें कही जाने लगी है।
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पुराने फॉर्म में लौट रहे आकाश :
हरियाणा में लगातार जनसभाएं कर रहे आकाश के लिए उनके समर्थक कह रहे है कि आकाश आनंद अपने पुराने अंदाज में लौट रहे है। उसी अंदाज में जिसमें वह लोकसभा चुनावों के लिए सभाएं कर रहे थे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में बीएसपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है साथ ही इस दौरान आकाश की राजनीतिक छवि भी काफी गड़बड़ाई थी। क्योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आकाश की सभाओं पर रोक लगाकर उन्हें पार्टी के अहम पद से निष्कासित कर दिया था। साथ ही उन्हें अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की पदवी से भी यह कहते हुए हटा दिया था कि उन्हें यानी आकाश को अभी परिपक्व होने की जरूरत है।
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लोकसभा चुनावों की तरह करेंगे कमाल ?
लोकसभी चुनावों में आकाश के भाषण देने के तरीके को सबने खूब पसंद किया था। वह मंच से तीखे स्वर में बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोल रहे थे हालांकि सीतापुर में बीजेपी की आतंकवादियों से करने पर उनके ऊपर FIR दर्ज हो गयी थी। जिसके बाद मायावती उन्हें बैकफुट पर ले आईं। उन्हें सभी पदों से निष्कासित कर दिया। लेकिन चुनावों में हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती के मंथन के बाद आकाश आनंद की पार्टी में वापसी की गयी वहीं उन्हें कई अहम और बड़ी जिम्मेदारी भी संभालने के लिए दी गयी। लेकिन सवाल है कि क्या लोकसभा चुनावों की तरह आकाश हरियाणा चुनावों में भी अपने बोलने के अंदाज से लोगों को प्रभावित कर पाते हैं या नहीं ?
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