किस जातिसूचक बयान के लिए माफ़ी मांग रहें हैं रामभद्राचार्य.. पढ़िए

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अभी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर जगतगुरु रामभद्राचार्य का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें संत जगतगुरु रामभद्राचार्य कह रहें हैं कि गोस्वामी ने कहा है कि जो “राम को नहीं भजता वो चमार है” औऱ वहीं दूसरी वीडियों में जगतगुरु रामभद्राचार्य कह रहें हैं कि “मरे मुलायम कांशीराम प्रेम से बोलो जय श्री राम” इन वीडियों में देखा जा सकता है कि संत रामभद्राचार्य राम की उपासना की आड़ में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए दिखाईं दे रहें हैं।

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SANT GURU RAMBHADRACHARYA, IMAGE CREDIT BY GOOGLE

 

सभी वर्णों का सम्मान:

जगतगुरु रामभद्राचार्य का कहना है कि सोशल मीडिया  पर वायरल वीडियों झूठा है और जानबूझकर डाला गया है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी जाति के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। अपने बयान में उन्होंने बताया कि वह सभी वर्णों का सम्मान करते हैं।

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बयान में क्या कहा ?

अपने बयान में उन्होंने कहा कि , “मैं सभी वर्णों का सम्मान करता हूं. मैंने किसी जाति के खिलाफ कुछ नहीं कहा. मैं जिस संप्रदाय (रामानन्दाचार्य संप्रदाय) का आचार्य हूं, वह हरिजन जाति में पैदा हुए.” रामभद्राचार्य ने कहा, “मैंने सिर्फ यह कहा कि जो राम विरोधी है, वो ऊंचे कुल का होकर भी हमारे लिए निंदनीय है. पर जो राम का मानने वाला है. वो किसी भी कुल में हो, हमारे लिए पूजनीय है.”

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सनातन में जातिवाद नहीं:

“संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपनी सफाई में यह भी कहा कि तुलसी ने तुलसी सतसई में च…र शब्द कहा है वह जातिसूचक नहीं है। उन्होंने कहा है कि जो राम को नहीं भजता वह चमड़े का प्रेमी अर्थात् च…र है. वह किसी भी कुल का हो। उन्होंने कहा कि सनातन में जातियां हैं, लेकिन जातिवाद नहीं है।“

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GURU RAMBHADRACHARYA , IMAGE CREDIT BY GOOGLE

वेद में किसी वर्ण की निंदा नहीं:

“संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य का कहना है कि वह किसी वर्ण के विरोध में नहीं है। कोई भी वर्ण उनके लिए नीचे नहीं है। सभी उनके लिए पूजनीय है। उनका कहना है कि लोगों को कुछ नहीं मिल रहा तो उन्हें टारगेट बनाकर उनका विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि वेद में किसी भी वर्ण की निंदा नहीं की गई है।

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गिरफ्तारी की मांग:

लेकिन आपकों बता दें भले ही संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को झूठा कहा है लेकिन इन वीडियों के सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और अब रामभद्राचार्य की गिरफ्तारी की मांग होने लगी है।

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