चोरी के आरोप में दलित युवकों के साथ की गई मारपीट

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मामला तमिलनाडु का है जहां पर सवर्ण लोगों ने दलित समुदाय के लोगों पर एक घर से मुर्गी चोरी के आरोप में हमला कर दिया है। लेकिन दलित संगठन ने युवकों पर लगाए आरोपों का विरोध किया है। क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं।

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चोरी का आरोप :

 

दरअसल मामला तमिलनाडु के गोबिचेट्टीपलायम का है। जहां सवर्ण लोगों ने दो दलित लोगों पर केवल इसलिए हमला कर दिया क्योंकि दोनों दलित युवकों पर एक घर से मुर्गी चोरी करने का आरोप था। पुलिस के मुताबिक दोनों दलित युवक अरुंथथियार समुदाय से हैं। यह घटना तब हुई जब 21 नवंबर मंगलवार को पोलावकालीपालयम के पास इंद्रन नगर के कन्नन (बदला हुआ नाम) और उसका 17 वर्षीय रिश्तेदार बाइक पर वेगामेंडु गए थे।

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अरुंथथियार कौन सा समुदाय है?

 

अरुंथथियार समुदाय  एक अनुसूजित जाति (SC) से जुड़ा समुदाय है। और यह भारतीय राज्य तमिलनाडु में पाया जाता है। अरुंधतियार को मडिगा भी कहा जाता है और इसमें मडिगा, मदारी और पगदाई समुदाय शामिल हैं। 

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मारपीट की गई :

 

वहां जाकर उन्होंने सवर्ण जाति के युवक पलानियाम्मल के घर से मुर्गियां चुरा लीं थी। लेकिन पलानियाम्मल ने उन्हें चोरी करते समय देख लिया था। फिर उसने शोर मचा दिया यह देखकर दोनों युवक वहां से भाग गए थे। लेकिन दोनों ने बाइक खेत में ही छोड़ दी थी। लेकिन दिन की छुट्टी के बाद दोनों बाइक लेने वापस गन्ने के खेत में आ गए थे। लेकिन उन्हें सवर्ण लोगों ने पकड़ लिया और उनकी पिटाई कर दी थी।

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IPC की धारा 397 में मामला दर्ज:

 

जब पुलिस को इस घटना के बारे मे पता लगा तो दोनों को पुलिस ने बचाया और गोबिचेट्टीपलायम जीएच में भर्ती करा दिया गया था। लेकिन पुलिस ने युवक के खिलाफ IPC की धारा 397 (डकैती) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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दलित संगठन ने क्या कहा?

 

इस घटना के बारे में दलित संगठन का कहना है कि दोनों युवकों पर जो लगाया गया चोरी का आरोप झूठा है। क्योंकि दलित संगठन का यह कहना है कि सवर्ण लोगों ने दलित युवकों पर इसलिए हमला किया था क्योंकि उन्होंने गांव में शराब पी थी।

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दलित संगठन के इस बयान पर वीसीके की “मीसा थंगावेल” ने कहा, ‘कोंगू वेल्लालर गौंडर समुदाय के लोगों ने कन्नन के साथ दुश्मनी के कारण उन पर हमला किया। जब पीड़ितों में से एक ने उनसे पानी मांगा, तो एक हमलावर ने उनके चेहरे पर पेशाब कर दिया और उन्हें जातिसूचक गालियां दी। हमने 22 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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डीएसपी का बयान :

 

गोबिचेट्टीपलायम के डीएसपी वी थंगावेल ने कहा, ‘हमने 24 नवंबर को 20 लोगों के खिलाफ एससी और एसटी अधिनियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया है. लेकिन यह कहना गलत है कि हमलावरों ने उन पर पेशाब किया। जांच जारी है।

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आरडीओ का बयान :

 

गोबिचेट्टीपलायम की आरडीओ जी दिव्या प्रियदर्शिनी ने कहा, ‘मुझे घटना के संबंध में पुलिस से एक रिपोर्ट मिली है। सभी आरोपों की जांच की जाएगी और अगला कदम उठाया जाएगा। मंगलवार को शांति समिति की बैठक होगी। “कलेक्टर राजा गोपाल सुंकारा” ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

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विरोध प्रदर्शन की घोषणा :

 

इस मामले में वीसीके और सवर्ण लोगों ने दो दलितों पर हमले को लेकर एक साथ विरोध प्रदर्शन की घोषणा भी की गई। इसके लिए जिला प्रशासन ने शांति समिति की बैठक भी की थी। हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन दलित संगठनों ने युवकों के खिलाफ आरोपों से इनकार किया है।

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