उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एससी, एसटी की भूमि खरीद-फरोख्त कानून में किए जा रहे बदलाव के विरोध में सामाजिक संस्था भारतीय दलित पैंथर के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और साथ ही साथ ज्ञापन भी सौंपा। कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी भी की। संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि “इस दलित विरोधी कानून में बदलाव को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।“

सोमवार को कानपुर में भारतीय दलित पैंथर के अध्यक्ष पैंथर धनीराम बौद्द ने कहा कि “अनुसूचित जाति व जनजाति की भूमि खरीद-फरोख्त में जिलाधिकारी की अनुमति की अनिवार्यता वापस लिए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है, उसे वापस लिया जाए। निजीकरण लाकर आरक्षण की व्यवस्था सरकार समाप्त करने जा रही है, इस निजी करण पर अविलंब रोक लगाई जाए।“
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दलित छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
उच्च सराकरी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति व जनजाति से ताल्लुक रखने वाले छात्रों का प्रवेश जीरो बैलेंस पर यनी निशुल्क किया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उसे समाप्त कर दिया गया। जिससे दलित छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है।
सामाजिक संस्था भारतीय दलित पैंथर के कार्यक्रताओं की मांग है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में जीरो बैलेंस की प्रवेश व्यवस्था को दोबारा लागू किया जाए, ताकि दलित छात्रों को भी अवसर प्राप्त हो। पैंथर ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति पर जातिगत अत्याचार को रोका जाए। उसका सख्ती से पालन किया जाए। इस सबके संबंध में सामाजिक संस्था भारतीय दलित पैंथर के कार्यक्रताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा।
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