भारतीय राजनीति में हमारे पास जिस चीज़ की कमी है वो है “ईमानदारी” और इसके न होने ही कि वजह है कांशीराम साहब को हर […]
श्रेणी: विमर्श
Dalit Times Exclusive Editorial Articles from various renouned intellectuals,social workers and guest writers.
पढ़िए पिछड़ों दलितों को जोड़ने वाले मान्यवर कांशीराम का सम्पूर्ण घटनाचक्र
रामदासिया सिख (चमार) जाती में जन्मे, सोशल इंजीनियरिंग के ज्ञाता, पिछड़ों दलितों को जोड़ने वाले मान्यवर कांशीराम का सम्पूर्ण घटनाचक्र : नाम : कांशीराम पिता […]
दलितों के उद्धार के लिए कांशीराम ने राष्ट्रपति बनने से किया था इंकार ?
साल 1964 में जब कांशीराम की उम्र तीस साल थी। वह एक्सप्लोसिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब में रिसर्च असिस्टेंट की नौकरी कर रहे थे। एक […]
दलितों की पहचान और भारतीय मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैय्या
भारतीय बहुसंख्यक समाज की विचारधारा और उसकी पहचान को ही भारतीय जनमानस की विचारधारा और पहचान मान लेना न सिर्फ असंगत है बल्कि एक तरह […]
बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले ने की थी भाविष्यवाणी
“यदि भारत की धरती पर फ़ुले न पैदा होते तो डॉ अंबेडकर के पैदा होने का सवाल ही नहीं उठता” ये बात हम नहीं कह […]
गांधी कितने पक्के जातिवादी थे? जानिए बाबा साहब ने गांधी के बारे में क्या कहा।
महात्मा गांधी का जन्म भारत के एक गुजराती परिवार में 2 अक्टूबर सन 1869 में हुआ थ। उनके पिता करमचन्द गान्धी सनातन धर्म की पंसारी […]
भगत सिंह नास्तिक थे ? भगवान के ठेकेदारों से भगत सिंह ने क्या सवाल पूछे थे, जानिए..
पूरा देश और दुनिया आज भारत के महान क्रन्तिकारी भगत सिंह का जन्म दिवस मना रहा है। भगत सिंह भारत के वीर सपूतों में गिने […]
लड़कियों के अधिकार और न्याय के लिए समाज उतना मुखर होकर कभी नहीं लड़ा, जितना लड़ना चाहिए।
हर साल सितंबर के चौथे रविवार को डॉटर्स डे (Daughters Day) सेलिब्रेट किया जाता है। इस बार भी सोशल मीडिया “Happy Daughters Day” के नाम […]
अम्बेडकर के जीवन का सबसे दुखद समझौता क्यों था पूना पैक्ट?
भारत में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को मिल रहे आरक्षण पर राजनीतिक घमासान और आए दिन कोर्ट कचहरी में बहस होना आम बात सी हो […]
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए भारत सरकार की योजनाएँ एवं संवैधानिक प्रावधान
संविधान के भाग IV के अंतर्गत राज्य के नीति निर्देशक तत्व में सम्मिलित अनुच्छेद 46 प्रावधान करता है कि राज्य समाज के कमजोर वर्गों में […]