जातिगत भेदभाव से नहीं हुई दर्शन सोलंकी की मौत : जाँच पैनल की रिपोर्ट में खुलासा

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आईआईटी बॉम्बे के दलित छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के मामले में बनाए गए जाँच पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है. जाँच पैनल की रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या की एक संभावित वजह ‘ख़राब अकादमिक परफ़ॉर्मेंस’ हो सकती है.

एक तरफ दलित परिवार ने आरोप लगाया था कि जातिगत भेदभाव के कारण दर्शन ने आत्महत्या करने का फैसला लिया. लेकिन अंतरिम रिपोर्ट की माने तो उन्हें जातिगत भेदभाव से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले हैं.

 

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क्या थी घटना :

12 फरवरी को मुंबई में IIT बॉम्बे के हॉस्टल से दलित छात्र दर्शन सोलंकी ने अचानक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. पुलिस के मुताबिक दर्शन ने “पढ़ाई के दबाव में आकर सुसाइड जैसा कदम उठाया है.

दलित छात्र दर्शन की मौत के एक दिन बाद आईआईटी बॉम्बे ने जाँच के लिए एक 12 सदस्यीय कमिटी बनाई थी. इस कमिटी को ज़िम्मेदारी दी गई थी कि वह इस बात की जाँच करे कि दर्शन को किन परिस्थितियों में आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा. जिसके बाद दो मार्च को कमिटी ने आठ पन्नों वाली अपनी जाँच रिपोर्ट सौंपी थी. जिसकी एक कॉपी केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी.

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80 लोगों से हुई पूछताछ :

कमेटी ने कैंपस में कुल 79 लोगों से पूछताछ की है. जिसके आधार पर ही अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसमें 11 विंग-मेट्स, सात टीचिंग स्टाफ़, 9 टीचर्स, दो मेंटोर, 11 पारिवारिक दोस्त, 13 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि, ”दर्शन सोलंकी का अलग-अलग विषयों की परीक्षा में प्रदर्शन ख़राब हो रहा था. ख़ास कर दूसरी छमाही के सेमेस्टर में. संभव है कि ख़राब अकादमिक प्रदर्शन का असर दर्शन पर बहुत बुरा पड़ा हो. दर्शन अपने दोस्तों से बातचीत में अक्सर कहते था कि आईआईटी बॉम्बे से बीटेक की पढ़ाई छोड़ देंगे और अपने गृहनगर में कहीं एडमिशन लेंगे.”

 

IT Bombay had constituted a 12-member committee to investigate the circumstances leading to the death. (image : indian express)

 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दर्शन सोलंकी के परिवार द्वारा जिस जातिगत भेदभाव की बात कही गई थी, उसका सीधे तौर पर कोई सबूत नहीं मिला. बता दे कि दर्शन के पिता को भी रिपोर्ट की एक कॉपी सौंपी गयी, लेकिन उन्होंने इसे ख़ारिज कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में दलित पिता ने कहा, ”मैं इस रिपोर्ट से सहमत नहीं हूँ. आईआईटी प्रशासन पहले दिन से ही इसी तरह से सोच रहा था. मैं उस इंटरनल कमिटी पर भरोसा नहीं करता हूँ जिसमें बाहर का कोई भी व्यक्ति नहीं है. मेरा बेटा केवल एक विषय में फ़ेल हुआ था और उसकी वजह से वह आत्महत्या नहीं कर सकता.”

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रिपोर्ट पर सवाल :

आरक्षित श्रेणी के बच्चों के लिए काम करने वाले धीरज सिंह जो आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र है ने भी जाँच पैनल में किसी बाहरी व्यक्ति के नहीं होने पर सवाल उठाया है.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए धीरज सिंह ने  कहा, ”आईआईटी बॉम्बे की 12 सदस्यीय जाँच कमिटी के सारे लोग कैंपस के ही थे. इनमें से सात सदस्य प्रोफ़ेसर हैं. जैसी उम्मीद थी, वैसी ही रिपोर्ट इन्होंने दी है. पूरा आरोप एक व्यक्ति पर लगा दिया गया है.”

 

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ख़राब अकादमिक परफ़ॉर्मेंस :

अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, ”कंप्यूटर्स और अन्य विषयों से जुड़ी दर्शन की जिज्ञासा पर कई बार कुछ स्टूडेंट्स हँस देते थे.” दर्शन पढ़ने में बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाते थे और वह होस्टल के कमरे में ही रहना पसंद करते थे.

 

darshan solanki (image: dalittimes)

 

दर्शन के एक दोस्त ने बताया है कि सोलंकी को लेक्चर समझने में दिक़्क़त होती थी. दर्शन की परीक्षा की तैयारी भी पूरी तरह से नहीं हो पाती थी. रिपोर्ट के अनुसार, दर्शन ने मैथेमैटिक्स विषय को हिन्दी में समझाने के लिए कहा था.

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दर्शन ने नहीं की शिकायत :

रिपोर्ट के मुताबिक़ दर्शन सोलंकी जातिगत भेदभाव के ख़िलाफ़ कभी एससी/एसटी सेल या स्टूडेंट वेलनेस सेंटर नहीं गए और न ही आईआईटी बॉम्बे के मेल पर इससे जुड़ी कोई शिकायत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सोलंकी अन्तर्मुखी स्वभाव के थे.

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, ”दर्शन शुरुआत में शायद अलग-थलग महसूस करते थे. इसके कई कारण हो सकते हैं. इनमें जी-रैंक में अंतर, कंप्यूटर का ज्ञान और भाषायी बाधा. उनके अलग-थलग रहने का कोई सटीक कारण नहीं मिला है.”

 

अपने परिवार के साथ दर्शन सोलंकी (image: indian express)

 

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कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ”12 फ़रवरी को दोपहर बाद दर्शन अपने होस्टल के विंग-मेट्स के साथ शॉपिंग करने जाने वाले थे. दर्शन के पिता ने अकाउंट में कुछ पैसे भी ट्रांसफर किए थे. कमिटी को इस बात की सूचना नहीं है कि छत से छलांग लगाने से पहले परिवार से साथ फ़ोन पर क्या बात हुई थी. कॉल डिटेल के अलावा फ़ोन और लैपटॉप की फ़ॉरेंसिक जाँच का इंतज़ार है और इसके बाद ही फ़ाइनल रिपोर्ट आएगी.”

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