कांग्रेस नेता ने क्यों कहा “I.N.D.I.A गठबंधन के लिए ज़रूरी हैं BSP सुप्रीमों मायावती” , जानिए

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लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में एक कवायद लगाई जा रही थी कि BSP सुप्रीमों मायावती किसी न किसी गठबंधन में शामिल होंगी। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद द्वारा BSP सुप्रीमों मायावती को सीधे तौर पर गठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दे दिया गया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि, “अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराना है तो बहन जी को इंडिया गठबंधन में शामिल होना चाहिए।“ लेकिन BSP सुप्रीमों मायावती ने क्या कहा वो इस लेख में जानिए..

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लोकसभा चुनावों की तैयारियाँ तेज़ :

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। सभी पार्टियां अपने अपने तरीके से एक अच्छा वोट बैंक प्राप्त करने की जुगत में लगी हुई हैं। लोकसभा की इन तैयारियों के बीच 25 अक्टूबर बुधवार को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने BSP सुप्रीमों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, “अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराना है तो बहन जी को इंडिया गठबंधन में शामिल होना चाहिए। इंडिया गठबंधन में शामिल हुए बिना उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को हराना मुश्किल है।“

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बिना मायावती गठबंधन का कोई मतलब नहीं

कृष्णम ने न्यूज़ एजेंसी “पीटीआई” से बातचीत में कहा कि, “मेरा विचार है कि बहनजी (मायावती) उत्तर प्रदेश में ऐसी नेता हैं जो 18 से 22 प्रतिशत वोटों को प्रभावित करने में सक्षम हैं। अगर बहनजी के बिना ‘इंडिया’ गठबंधन बनता है, तो इसे ‘महा-गठबंधन’ कहने का कोई औचित्य नहीं है।”

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उन्होंने कहा, “अगर भारतीय जनता पार्टी को हराना है तो समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस के साथ-साथ बहनजी को भी ‘इंडिया’ गठबंधन में सम्मिलित होना चाहिए, इसके लिए मैं उन्हें आमंत्रित कर रहा हूं।”

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मायावती ने कहा गठबंधन से होता है नुकसान :

आचार्य प्रमोद के इस बयान से कही पहले ही BSP सुप्रीमों मायावती यह ऐलान कर चुकी हैं कि BSP किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगी। मायावती ने कहा कि गठबंधन चाहे “इंडिया” (INDIA) हो या “एनडीए” (NDA) दोनों के साथ BSP को नुकसान हुआ है। इसलिए मायावती ने फैसला लिया है कि BSP चुनाव स्वतंत्र रुप से ही लड़ेंगी। इस दौरान बहन जी ने बीजेपी और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि INDIA और NDA दोनों ही दलित विरोधी गठबंधन हैं।

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गठबंधन के लिए माययावती क्यों ज़रूरी ?

राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो BSP देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। बसपा का मुख्य आधार उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता है, जहां यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 19.3% वोटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी और 2022 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में 12.88% वोटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी रही थी। लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें उत्तरप्रदेश से 80 सीटें हैं। यानी जो उत्तर प्रदेश में बाज़ी मारेगा दिल्ली की सत्ता पर भी उसी का राज देखने को मिलेगा।

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