उत्तरप्रदेश: रायबरेली में दलित युवक को पुलिस ने थाने में बरहमी से पीटा कहा, “फिर लाएंगे, फिर मारेंगे”

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उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। ट्वीटर पर एक वीडियो पुलिस की आलोचना का कारण बन हुआ है। वीडियो को शेयर कर लिखा गया कि गदागंज पुलिस की बर्बरता देखिए, थाने के अंदर दलित युवक को थर्ड डिग्री दी जब मरने की अवस्था में पहुंच गया तो उसे छोड़ दिया। आरोप मखदमपुर चौकी में तैनात दरोगा अनिल यादव पर भी लगाए गए है। आरोप है कि दरोगा अनिल सिंह ने दलित युवक को लात घूंसों से बेराहमी से पीटा। इससे पहले भी दरोगा की बर्बरता सामने आ चुकी है जब उसने एक भिखारी को पीटा था। इसके लिए दरोगा को निलंबित भी किया गया था।

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थाने में दलित युवक की पिटाई:

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पीड़त दीपक को अस्पताल ले जाती पुलिस (image: social media)

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को रायबरेली में ज़मीनी विवाद को लेकर एक दलित युवक दीपक अपरान्ह को पुलिस थाने ले आई जहाँ उसे पहले तो बेराहमी से पीटा गया फिर शांतिभंग करने के आरोप में उसका चालान काटने के बाद उसे छोड़ दिया गया। बीते गुरुवार को पीड़ित ने एसपी ऑफिस पहुंच कर सारी घटना सीओ सिटी को बताई। जिसके बाद सीओ सिटी ने पीड़ित को जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया। इससे पहले पीड़ित दीपक ने एक वीडियो में भी सारी घटना का उल्लेख किया है। बहरहाल पुलिस द्वारा सभी आरोपों को निराधार बताया जा रहा है।

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पुलिस पर लगाए गए आरोप निराधार : क्षेत्राधिकारी डलमऊ

 

पीड़ित द्वारा रायबरेली पुलिस पर लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में पुलिस द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि, गदागंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पूरे मुतवल्ली में दीपक का शिवम नाम के एक व्यक्ति के साथ ज़मीनी विवाद चल रहा है। शिवम द्वारा डलमऊ में पहले ही मामले को लेकर शिकायत दर्ज है। पुलिस के मुताबिक दीपक आए दिन विवाद को लेकर गाली-गलौज, मारपीट करके शांति भंग करता रहता है।

रायबरेली पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञाप्ति (iamge: raebarelipolice)

 

इस सम्बंध में भी गदागंज पुलिस स्टेशन में 26 अक्टूबर को दोनों पक्षों के विरुद्ध 107/116 CRPC की कार्यवाही की गई थी। पुलिस ने आगे बताया कि 20 दिसंबर को शांतिभंग करने के आरोप में दोनों पक्षों को थाने लाया गया और दोनों पर CRPC की धारा 151/107/116 के तहत कार्यवाही की गई। भूमि पर अवैध कब्जा न कर पाने पर दीपक द्वारा पुलिस पर असत्य और निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।

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दीपक ने पुलिस को क्या बताया:

गुरुवार को एसपी ऑफिस पहुंच कर पीड़ित दीपक ने एसपी को बताया कि बुधवार को विपक्षी विवादित ज़मीन को जोत रहे थे। पीड़ित पक्ष द्वारा 112 पर कॉल किया गया जिसके बाद पुलिस दीपक को पकड़कर मखदमपुर चौकी ले आई। वहां दरोगा अनिल यादव ने दीपक को  गालियां दी। रात के समय चौकी से थाने लाया गया।

घायल दीपक को अस्पलात ले जाते पुलिसकर्मी (image: social media)

 

 

थाने में अनिल यादव और ब्रह्म देव ने दीपक को लात घूंसों से पीटा। लाठियों से मार मार कर अधमरा कर दिया। इतना ही नही कहा कि , “ज़मीन का लालच छोड़ दो वरना फिर ऐसे ही पकड़ के लाएंगे और ऐसे ही मरेंगे। रात भर पीड़ित को थाने में रखा गया औऱ सुबह चालान काट कर छोड़ दिया गया। जिसके बाद परिवार के सदस्य उसे निजी अस्पताल ले गए जहां इलाज कराने के बाद दीपक एसपी ऑफिस पहुंचा।

 

 

 

 

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