उत्तर प्रदेश में एक दुखद घटना सामने आई है जिसमें एक दलित बच्चे की मौत की खबर है। परिवार का आरोप है पुलिस ने 18 वर्षीय दलित युवक आकाश राज को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। थाने में पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा और उसे बिजली के झटके दिए।
UP News: फरधान थाने में चोरी के आरोप में तीन सितंबर को दलित युवक आकाश राज को गिरफ्तार किया गया था। आकाश की गिरफ्तारी के बाद, उसके परिवार का आरोप है पुलिस ने 18 वर्षीय दलित युवक आकाश राज को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। परिजनों का दावा है कि पुलिस ने आकाश को थाने में पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा और उसे बिजली के झटके दिए। पिटाई इतनी गंभीर थी कि सात सितंबर को उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसके परिवार ने उसे तुरंत लखनऊ में इलाज के लिए भर्ती कराया, लेकिन 13 सितंबर की रात को उसकी मृत्यु हो गई।
चंद्रशेखर आजाद ने की न्याय की मांग
चंद्रशेखर आजाद, जो आज़ाद समाज पार्टी के नेता और नगीना के सांसद हैं, ने इस घटना पर तीव्र प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद और गंभीर है। आजाद ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार ने आकाश की जान ले ली। उन्होंने उत्तर प्रदेश के डीजीपी से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही, आजाद ने मृतक आकाश के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की भी अपील की है, ताकि परिवार को इस कठिन समय में कुछ सहारा मिल सके। इस मामले ने स्थानीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है।
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ये है मामला
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के फरधान थाना क्षेत्र में पुलिस की कथित पिटाई से दलित युवक आकाश राज की मौत हो गई। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब शनिवार शाम को परिजनों और ग्रामीणों ने आकाश का शव थाने के सामने रखकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने एनएच-730 को जाम कर दिया और ट्रालियां खड़ी कर दीं।
परिजनों का आरोप है कि आकाश को चोरी के शक में तीन सितंबर को फरधान थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके अनुसार, पुलिस ने आकाश को थाने में बुरी तरह से पीटा, जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई। सात सितंबर को उसकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि उसे इलाज के लिए खीरी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, और फिर लखनऊ रेफर किया गया। हालांकि, शुक्रवार देर रात लखनऊ में इलाज के दौरान आकाश की मौत हो गई।
परिजनों ने किया विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान, परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें यह भी शामिल था कि पुलिस ने आकाश को थाने में रखने के दौरान उसके शरीर पर बिजली के झटके दिए और फिर उसे छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की। आकाश की मौत को लेकर परिवार ने स्पष्ट रूप से पुलिस की पिटाई को जिम्मेदार ठहराया और पुलिस के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की।
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प्रदर्शन की जगह पर एएसपी और सीओ पहुंचे
प्रदर्शन की सूचना मिलने पर, एएसपी और सीओ ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और कई थानों का फोर्स भी बुलाया गया। एएसपी पवन गौतम ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और अभी तक पुलिस की पिटाई से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान अगर किसी पुलिसकर्मी की भूमिका दोषपूर्ण पाई जाती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है और न्याय की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन जारी है।
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