UP में दलित युवक विनोद रावत पर ई-रिक्शा चालक और उसके साथियों ने सामुदायिक विवाद के चलते हमला कर दिया। युवक ने दुकान में शरण ली, लेकिन हमलावरों ने वहां भी उसे बुरी तरह पीटा। घटना CCTV में कैद हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है।
UP: उन्नाव जिले के हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के न्योतनी मोहान पंचायत में बीती रात एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने सामाजिक ताने-बाने को झकझोर कर रख दिया। न्योतनी चौराहे पर दलित समुदाय के विनोद रावत, जो अपनी बाइक से घर लौट रहे थे, को एक ई-रिक्शा चालक ने टक्कर मार दी। जब विनोद ने इसका विरोध किया, तो बहस शुरू हो गई। ई-रिक्शा चालक ने तुरंत अपने समुदाय के कुछ युवकों को बुला लिया, और विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि इन युवकों ने इसे सामुदायिक मुद्दा बना लिया और विनोद पर बुरी तरह हमला कर दिया।
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हमले की बर्बरता: दुकान में भी नहीं मिली शरण
अपनी जान बचाने के लिए विनोद ने पास की एक दुकान में शरण ली, लेकिन हमलावरों ने उनका पीछा किया। दुकान के अंदर भी उन्हें बेरहमी से पीटा गया। CCTV फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह उन पर हमला किया गया। फुटेज में विनोद की चीखें और दर्द साफ दिखाई दे रहे हैं, लेकिन वहां मौजूद लोग भी डर के कारण हस्तक्षेप नहीं कर सके।
पुलिस की कार्रवाई: जांच शुरू, न्याय का भरोसा
घटना के बाद, घायल विनोद ने किसी तरह कोतवाली पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी। अधिकारियों ने कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाएगा।
विनोद की प्रतिक्रिया: “साम्प्रदायिकता को बर्दाश्त नहीं कर सकते”
घटना के बाद विनोद ने कहा, “मैंने केवल एक दुर्घटना का विरोध किया था, लेकिन मुझे साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार बनाया गया। मुझे सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि मैं दलित हूं। यह बेहद शर्मनाक और अमानवीय है। मैं चाहता हूं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।”
सामाजिक संदेश: हिंसा के खिलाफ एकजुटता की जरूरत
यह घटना समाज में बढ़ रही साम्प्रदायिकता और जातिगत भेदभाव का एक और उदाहरण है। उन्नाव की यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक निर्दोष लोग इस तरह की हिंसा का शिकार होते रहेंगे। प्रशासन और समाज को एक साथ आकर ऐसे मामलों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके और समाज में आपसी सौहार्द बना रहे।
न्याय की उम्मीद: पुलिस ने क्या कदम उठाए
पुलिस ने घटना को गंभीरता से लिया है और आश्वासन दिया है कि CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों की जल्द पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी। इस घटना ने क्षेत्र में भारी रोष और भय पैदा कर दिया है। पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और विश्वास दिलाया है कि कानून के तहत न्याय होगा।
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ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या करें?
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि जातिगत और साम्प्रदायिक भेदभाव आज भी हमारे समाज में गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं। ऐसी हिंसा को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना और कानून का सम्मान करना बेहद जरूरी है। साथ ही, प्रशासन को त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई कर दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
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