UP News: सहारनपुर में मुस्लिमों ने रुकवाई दलित युवक की घुड़चढ़ी

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UP में दलित युवक की शादी के दौरान घुड़चढ़ी निकालने पर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने विरोध किया। आरोप है कि डीजे बंद करवा दिया और रास्ता रोक दिया। विरोध करने पर दलित परिवार पर लाठी-डंडों से हमला हुआ और महिलाओं के साथ अभद्रता की गई। मुस्लिम पक्ष ने इसे बुजुर्ग की बीमारी के कारण डीजे की आवाज कम करने की अपील बताया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

UP: सहारनपुर जिले के नानौता थाना क्षेत्र के छछरौली गांव में दलित और मुस्लिम समुदाय के बीच एक विवाद ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है। दलित युवक की शादी के दौरान घुड़चढ़ी निकालने पर हुए विवाद ने मामले को और गंभीर बना दिया। घटना ने न केवल दोनों समुदायों के बीच खाई को गहरा किया, बल्कि क्षेत्र में आपसी सौहार्द पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

घुड़चढ़ी के दौरान हुआ टकराव

छछरौली निवासी नाथीराम ने बताया कि उनके बेटे मनोज की शादी के तहत 27 नवंबर की रात को रिश्तेदार और परिजन मिलकर परंपरागत रस्म के तौर पर घुड़चढ़ी निकाल रहे थे। यह जुलूस जब मुस्लिम समाज के घरों के सामने से गुजरा तो छह युवकों ने घुड़चढ़ी को रुकवा दिया और डीजे की आवाज बंद कराने का दबाव बनाया। आरोप है कि उन्होंने जुलूस को मुस्लिम मकानों के सामने से गुजरने से भी मना कर दिया। हालांकि, वहां मौजूद ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करने की कोशिश की।

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शादी के बाद रस्म में भी हंगामा

नाथीराम ने आगे बताया कि शादी के बाद शनिवार को परिवारजन ढोल-नगाड़ों के साथ देव स्थान पर जा रहे थे। इसी दौरान आरोपियों ने फिर से रास्ता रोका और ढोल-नगाड़ों की आवाज बंद कराने की कोशिश की। जब परिवार के लोगों ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने नाथीराम और उनके बेटे मनोज पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले के दौरान जब परिवार की महिलाएं बचाव के लिए आईं, तो उनके साथ भी अभद्रता की गई।

मुस्लिम पक्ष की सफाई

वहीं, मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि उनके घर में एक बुजुर्ग बीमार हैं और इसी वजह से उन्होंने डीजे की आवाज कम करने का अनुरोध किया था। उन्होंने आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह विवाद केवल एक गलतफहमी का परिणाम है।

पुलिस कर रही मामले की जांच

घटना के बाद शिकायतकर्ता नाथीराम ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की शिकायत कई दिन पुरानी है, और शिकायतकर्ता पक्ष ने आकर मामला दर्ज कराया है। पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

ग्रामीणों में बढ़ रहा तनाव

घटना के बाद से गांव में तनावपूर्ण माहौल है। दलित समुदाय इस घटना को अपने सम्मान पर चोट मान रहा है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे गलतफहमी बता रहा है। दोनों समुदायों के बीच समझौता कराने के प्रयास जारी हैं, लेकिन हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं।

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सामाजिक सौहार्द पर संकट

इस विवाद ने क्षेत्र में सामाजिक एकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक तरफ दलित समुदाय इसे अपनी परंपराओं और अधिकारों पर हमला मान रहा है, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष इसे बेवजह का विवाद कह रहा है। इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करती हैं और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती हैं।

समस्या का समाधान जरूरी

इस घटना से साफ है कि क्षेत्र में बेहतर संवाद और आपसी समझ बढ़ाने की जरूरत है। प्रशासन को जल्द से जल्द मामले का निपटारा कर दोषियों को सजा देनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। गांव के बुजुर्गों और समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी आगे आकर इस तनाव को कम करने का प्रयास करना चाहिए।

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