UP News: दलित मजदूर का शव सड़क किनारे झाड़ियों में मिला, खरोंच और चोट के निशान

Share News:

24 घंटे लापता दलित मजदूर का शव सोमवार सुबह सड़क किनारे झाड़ियों में मिला। मृतक के शरीर पर खरोंच और चोट के निशान मिले हैं, जिससे संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत का अंदेशा है। पुलिस और फोरेन्सिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की, और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

UP News: बलरामपुर में एक दलित मजदूर धर्मेन्द्र की रहस्यमयी मौत ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। धर्मेन्द्र, जो 35 वर्ष का था, अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था और मजदूरी करके अपने घर का खर्च चलाता था। रविवार सुबह, उसने नाश्ता करने के बाद घर से निकलने का फैसला किया, लेकिन उसने किसी को नहीं बताया कि वह कहाँ जा रहा है। उसकी अनुपस्थिति के कारण, परिवार के सदस्यों ने उसकी तलाश शुरू की।

UP News: दलित महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप, हिंदू संगठन के हंगामे के बाद पहुंची पुलिस, दो पादरी हिरासत में

पेट्रोल पंप के निकट झाड़ियों में पड़ा मिला शव

जब शाम तक धर्मेन्द्र घर नहीं लौटा, तो उसके रिश्तेदारों से पूछताछ की गई, लेकिन किसी को भी उसका कुछ पता नहीं चला। अगले दिन, सोमवार की सुबह, एक अनजान युवक का शव तुलसीपुर बिजलीपुर रोड पर एक पेट्रोल पंप के निकट झाड़ियों में पड़ा मिला। जब स्थानीय लोगों ने शव की पहचान की, तो वह धर्मेन्द्र का निकला। शव पर खरोंच और चोट के स्पष्ट निशान थे, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि उसकी मृत्यु किसी सामान्य कारण से नहीं हुई है।

फोरेन्सिक टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे

घटना की सूचना मिलते ही नगर कोतवाल शैलेश कुमार सिंह अपनी फोरेन्सिक टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटना की गहन जांच की और साक्ष्य एकत्रित किए। इस बीच, धर्मेन्द्र के पिता राजले ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और उन्होंने मांग की कि उनकी बेटे की मौत की निष्पक्ष जांच की जाए ताकि सच सामने आ सके। उन्होंने यह भी बताया कि धर्मेन्द्र अपने परिवार के लिए बहुत मेहनत करता था और उसकी अचानक मौत ने उनके जीवन को झकझोर कर रख दिया है।

इसे देखें: जेल में जाति के आधार पर काम और खाना: दलितों ने कही जेलों में भेदभाव की कहानियां

परिवार को सही और निष्पक्ष न्याय मिल सकेगा?

पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह सिर्फ एक साधारण दुर्घटना थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी। धर्मेन्द्र की मौत ने क्षेत्र में संवेदनाओं का एक ज्वार लाने का काम किया है, और अब लोग न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि उनके परिवार को सही और निष्पक्ष न्याय मिल सके। इस पूरे मामले ने सामुदायिक संगठनों और स्थानीय नेताओं का ध्यान भी आकर्षित किया है, जो अब इस घटना को लेकर और अधिक जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *