Madhya Pradesh : बड़वानी में तहसीलदार द्वारा आदिवासी युवक को थप्पड़ मारने के मामले में अब जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) संगठन के कार्यकर्ताओं ने एसपी से लिखित में मांग रखी है कि तहसीलदार पर केस दर्ज किया जाए। जयस के कार्यकर्ता पुनीत गेहलोत से मिलकर एट्रोसिटी के तहत केस दर्ज करने की मांग की गई है। बता दें कि दो हफ्ते पहले मध्यप्रदेश के बड़वानी निवासी ब्लॉक में तहसीलदार ने आदिवासी युवक पर थप्पड़ बरसाए थे जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस घटना के बाद से इलाके के आदिवासी समुदाय में रोष है।
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क्या थी घटना :
घटना करीबन दो हफ्ते पहले की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, आदिवासी युवक की मालिकाना जमीन पर अवैध रास्ता निकलाने के लेकर तहसीलदार आदिवासी युवक की जमीन पर पहुंचा था। इस दौरान बातचीत की वीडियो आदिवासी युवक बनाने लगा। जब तहसीलदार ने ये देखा तो उसे अपने पास बुलाया और उसे दो थप्पड़ जड़ दिए।
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पीड़ित ने क्या कहा :
घटना पर मीडिया से बात करते हुए पीड़ित रविन बारेला ने बताया कि 29 जनवरी को मेयर का विवाद चल रहा था। गांव के सभी लोग और तहसीलदार हितेंद्र भावसार आए हुए थे। मैं वीडियो बना रहा था। तहसीलदार ने मुझे बुलाया और थप्पड़ मारे। वहीं रविन के पिता ने भी मीडिया से बात करते हुए रविन की बात को दौहराया।
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SDM का बयान :
तहसीलदार हितेंद्र भावसार द्वारा आदिवासी युवक को थप्पड़ मारने की ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। उस दौरान SDM रमेश सिसोदिया ने कहा था कि वायरल वीडियो की जांच की जाएगी। हालांकि उस वक्त तहसीलदार को उसके पद से निलंबित कर दिया था लेकिन कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई थी। बता दें कि इस घटना को करीब एक महीना बीतने वाला है लेकिन अभी तक मामले में कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गयी है।
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एट्रोसिटी के तहत दर्ज हो केस :
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, “जयस नारी शक्ति राष्ट्रीय प्रभारी सीमा बाबू सिंह वास्कले ने बताया निवाली में तहसीलदार द्वारा आदिवासी किसान को थप्पड़ मारने के मामले में जयस संगठन के विरोध के बाद शासन प्रशासन ने तहसीलदार को निलंबित तो कर दिया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके लिए तहसीलदार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने, आदिवासी किसान मामले पर फर्जी केस को निरस्त करने, जमीन के मालिकों को इस मामले में डराने वाले तहसीलदार के खिलाफ एट्रोसिटी के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
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