सुप्रीम कोर्ट में एक और दलित जज की एंट्री, सरकार के पास पहुंची जस्टिस प्रसन्ना बी वराले के नाम की सिफारिश

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सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने जस्टिस वराले के नाम का प्रस्ताव रखने के साथ मोदी सरकार से सिफारिश की है, ‘वह बेदाग आचरण और सत्यनिष्ठा के साथ सक्षम न्यायाधीश हैं और उन्होंने पेशेवर नैतिकता के उच्च मानक बनाए रखे हैं….

Dalit Judge Justice prasanna varale :  चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र की मोदी सरकार के पास दलित जज जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में किये जाने को लेकर सिफारिश भेजी है। माना जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की एंट्री सुप्रीम कोर्ट में होगी। उनके सुप्रीम कोर्ट में एंट्री के साथ ही दलितों के साथ एक इतिहास भी बनने जा रहा है।

गौरतलब है कि जस्टिस प्रसन्ना बी वराले अपने कई महत्वपूर्ण के कारण मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने जस्टिस वराले के नाम का प्रस्ताव रखने के साथ मोदी सरकार से सिफारिश की है, ‘वह बेदाग आचरण और सत्यनिष्ठा के साथ सक्षम न्यायाधीश हैं और उन्होंने पेशेवर नैतिकता के उच्च मानक बनाए रखे हैं।’

अगर जस्टिस वराले की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के बतौर हो जाते हैं तो एक और इतिहास कायम होगा, उनके अलावा सुप्रीम कोर्ट में पहले से दो दलित जज हैं और उनके आने के बाद पहली बार एक साथ तीन दलित जज एक साथ सुप्रीम कोर्ट में होंगे। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सीटी रविकुमार के रूप में सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दो दलित जज हैं।

गौरतलब है कि वरिष्ठ जज जस्टिस संजय किशन कौल के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या घटकर 33 हो गयी थी। जजों के रिक्त पड़ी संख्या को भरने के लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस के कॉलेजियम ने केंद्र की मोदी सरकार के पास नए जज के बतौर दलित जाति से ताल्लुक रखने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य जज जस्टिस प्रसन्ना बी वराले के नाम की सिफारिश भेजी है। ऐसा इतिहास में पहली बार होगा जब सुप्रीम कोर्ट में तीन दलित जज एक साथ होंगे।

आइये जानते जस्टिस प्रसन्ना बी वराले के बारे में
सुप्रीम कोर्ट के नये जज के बतौर एंट्री लेने वाले दलित जज जस्टिस प्रसन्ना बी वराले 20 साल तक वकालत करने के बाद 18 जुलाई, 2008 को बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बने थे। जज बनने के बाद 15 अक्टूबर 2022 को उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बतौर शपथ ली थी और अब सुप्रीम कोर्ट से पिछले महीने 25 दिसंबर को रिटायर हुए जस्टिस एसके कौल की जगह उनकी नियक्ति के आसार हैं।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद के डॉ बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई करने वाले 61 वर्षीय जस्टिस प्रसन्ना बी वराले 20 सालों तक आपराधिक, श्रम और प्रशासनिक मामलों के वकील रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वराले की पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के जज क बतौर होने के जस्टिस पीएस दिनेश कुमार को कर्नाटक हाईकोर्ट का अगला चीफ जस्टिस बनाने की भी सिफारिश केंद्र सरकार से की है।

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