दोषी साबित होते ही शाइस्ता परवीन को पार्टी से किया जाएगा निष्कासित : मायावती

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बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट कर ये एलान किया है कि हाल ही में बीएसपी में शामिल हुए अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को  दोषी सिद्ध होने पर बीएपसी से निष्कासित  कर दिया जाएगा। बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने ये फैसला प्रयागराज में राजू पाल की हत्या के चशमदीद गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके सरकारी गनर की हत्या के बाद लिया है। बता दें कि बीते शुक्रवार उमेश पाल और उनके सरकारी गनर की हत्या कर दी गई थी। मायावती ने अपने ट्वीट में समाजवादी पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें कि जनवरी महीने में ही अतीक अहमद की पत्नि शाइस्ता परवीन और उसके बेटे अहजम अहमद ने बसपा जॉइन की थी।

 

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अतीक और परिवार पर दर्ज हुई FIR :

सोमवार को ट्वीट कर मायावती ने कहा, “प्रयागराज में राजू पाल की वर्षों पहले हुई हत्या के मुकदमे का अहम गवाह अधिवक्ता उमेश पाल व उनके गनर की हत्या के मामले में अतीक अहमद के लड़के एवं उनकी पत्नी के ऊपर एफआईआर दर्ज किये जाने की भी सूचना प्रकाशित हुई है।“ उन्होंने आगे कहा कि बीएसपी ने मामले पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। बीएसपी ने निर्णय लिया है कि “मामले की जाँच में दोषी साबित होते ही श्रीमति शाइस्ता परवीन, पत्नी अतीक अहमद, को पार्टी से निष्कासित कर दिया जायेगा”

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सपा पर लगाए गंभीर आरोप:

मायावती ने अपने अगले ट्वीट में कहा, “यह बात भी सर्वविदित है कि अतीक अहमद समाजवादी पार्टी का ही प्रोडक्ट है, जिस पार्टी से वह एमपी व एमएलए आदि भी रहा है तथा अब राजू पाल की पत्नी भी बीएसपी से सपा में चली गयी है, जिस पार्टी को वह मुख्य दोषी ठहराती थी। अतः इसकी आड़ में कोई भी राजनीति करना ठीक नहीं।“

 

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निर्दोष को नहीं दी जाएगी सज़ा:

मायावती ने आगे कहा कि “इसके साथ ही, यह भी विदित है कि किसी भी अपराध की सजा, बीएसपी द्वारा, उनके परिवार व समाज के किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नहीं दी जाती है, किन्तु यह भी सच है कि पार्टी किसी भी जाति व धर्म के आपराधिक तत्व को बढ़ावा भी नहीं देती है।“  वहीं मामला पर शनिवार को ट्वीट करते हुए मायावती ने मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की थी।

 

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उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि, “प्रयागराज में राजू पाल हत्याकाण्ड के मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर की दिनदहाड़े हत्या अति-दुखद व अति-निन्दनीय। यह घटना यूपी सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोलती है। सरकार मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी उच्च-स्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख्त सजा दिलाए।

 

बताते चलें कि उमेश पाल औऱ सरकारी गनर की हत्या को 4 दिन हो चुकें हैं लेकिन पुलिस ने अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है। हालांकि 40 से ज्यादा संदिग्ध लोगों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है।

 

 

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