प्रिंसिपल द्वारा दलित महिला टीचर को जातिसूचक गालियां देने पर अनुसूचित जाति आयोग का बड़ा एक्शन

Share News:

पंजाब: चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल में दलित टीचर के साथ स्कूल की ही प्रिंसिपल द्वारा जाति के आधार पर गाली गलौज औऱ दलित टीचर को बेइज्जत करने का मामला सामने आया है। मामले को लेकर नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट (NCSC) सख्त हो गया है। नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट के मुताबिक मामला जाति के आधार पर भेदभाव और शोषण का है। कमीशन ने चंडीगढ़ प्रशासन के डायरेक्टर औऱ स्कूल एजुकेशन को मामले में नोटिश जारी करते हुए 10 दिनों के भीतर मामले में जवाब देने के लिए कहा है।

यह भी पढ़े: “कोई माई का लाल बाबा साहब के संवैधानिक आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता” : चंद्रशेखर आज़ाद

जनवरी महिने का मामला :

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मामला 26 जनवरी का है।  दलित महिला ने 30 जनवरी नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट को 32 वर्षीय महिला टीचर की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसमें दलित महिला ने बताया कि स्कूल में प्रिंसिपल द्वारा उन्हें जातिसूचक गालियां देकर अपमानित किया जाता है। बताते चले की NCSC ने ये भी कहा है कि यदि 10 दिनों के भीतर प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया तो कमीशन सिविल कोर्ट के तहत कार्यवाही करेगा। ऐसे में डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन को व्यक्तिगत रूप से पेश होने या उनकी ओर से किसी प्रतिनिधि को पेश होने के आदेश जारी किए जा सकते हैं।

यह भी पढ़े: उत्तरप्रदेश: बुलंदशहर में दलित युवक पर जानलेवा हमले के विरोध में भीम आर्मी का प्रदर्शन

पुलिस कर रही है जांच :

नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट के इतर चंडीगढ़ पुलिस अपने सत्र पर जांच कर रही है। मामला DSP पलक गोयल और सेक्टर-19 थाने की SHO मिनी भारद्वाज देख रही हैं। DSP पलक गोयल ने स्कूल जाकर शिकायत करने वाली दलित महिला टीचर के बयान दर्ज कर लिए है वहीं उनसे कई क्रॉस-क्वेश्चन भी पूछे गए हैं।

 

यह भी पढ़े: दलित ईसाइयों को राजनीतिक अवसर देगी तेलंगाना सरकार ?

दलित महिला टीचर से साफ कराया था स्कूल :

पुलिस को अपना बयान दर्ज करवाते हुए दलित महिला टीचर ने पुलिस को बताया कि साल 2017 में भी आरोग्य वाटिका के उद्घाटन के मौके पर स्वीपर के होते हुए भी प्रिंसिपल ने झाड़ू लगवाई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 27 जनवरी, 2023 की घटना को लेकर भी एक्टिविटी रजिस्टर पर दस्तखत करवाने के संबंध में स्कूल की दो अन्य महिला टीचर्स ने उनसे शिकायत वापस लेने औऱ मांफी मांगने के लिए कहा था। वहीं दूसरी तरफ प्रिंसिपल राज बाला के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर SC समुदाय में रोष है। प्रिंसिपल को मूल कैडर हरियाणा में रिपेट्रिएट करने की मांग भी उठ चुकी है।

यह भी पढ़े: दलित युवक की हत्या करने पर 16 साल बाद मिली सजा, जानिए पूरी ख़बर.

बता दें कि महिला टीचर को इंसाफ दिलाने के लिए डा. अंबेडकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नाम से एक हाई-पावर कमेटी बनाई गई है जिसमें 2 दर्जन नेता शामिल हैं। मामले को लेकर मीटिंग भी हुई है। वहीं यूटी के एडवाइजर धर्म पाल शिकायत की गई है। चंडीगढ़ प्रशासन के डायरेक्टोरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन का कहना है की प्रिंसिपल राज बाला द्वारा उनके कथित दुर्व्यवहार को लेकर की गई शिकायत को एडवाइजरी मेमो के तौर पर देखा जाएगा। वहीं इसका दलित टीचर के सर्विस रिकार्ड पर कोई असर नहीं होगा।

 

यह भी पढ़े: दलित छात्र दर्शन सोलंकी की मौत का जिम्मेदार कौन..?

मामले में आब तक क्या हुआ:

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में अभी तक जांच के लिए  4 मेंबरी कमेटी बन चुकी है। कमेटी ने स्कूल को स्टाफ मेंबर्स के स्टेटमेंट्स दर्ज कर लिए हैं। वहीं मामले में SSP मनीषा चौधरी, प्रशासनिक अफसरों, SC कमीशन समेत राष्ट्रपति और PMO को भी शिकायत दी जा चुकी है। दूसरी तरफ SC समुदाय द्वारा यूनियन एजुकेशन विभाग की बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शन भी किया जा चुका है।

 

 

SC समुदाय के आक्रोश को देखते हुए DSE एचएस बराड़ द्वारा प्रदर्शनकारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। तो वहीं मामले के गर्माने के बाद प्रिंसिपल राज बाला की जगह सेक्टर 18 के गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल का चार्ज प्रिंसिपल सुखपाल कौर को दे दिया गया था।

प्रिंसिपल ने आरोपो को नकार:

मालूम हो कि स्कूल प्रिंसिपल राज बाला ने कहा है कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरफ से निराधार हैं। 26 जनवरी को राष्ट्रीय झंडे का अपमान हो रहा था जिसे लेकर उन्होंने स्टाफ को बुला कर समझाया था। वहीं कहा कि न तो महिला टीचर से घर का काम करवाया और न ही झाड़ू लगवाई। इसके अलावा कभी भी जाति सूचक शब्द कहकर उनका अपमान भी नहीं किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *