राजस्थान में पिछलें 5 सालों में दलितों के साथ हैवानियत हुई है जो आज भी थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। और चुनाव के इस माहौल में राजस्थान से ऐसी घटना सामने आई है जो राजस्थान पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।
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मामला राजस्थान का है जहां अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित गैंगरेप पीड़िता की अचानक मौत से बवाल मच गया। लोगों ने देर रात तक दौसा-चाकसू स्टेट हाईवे पर प्रदर्शन किया। क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।
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क्या है पूरा मामला:
दरअसल मामला राजस्थान की राजधानी जयपुर के कोटखावदा इलाके का है। जहां पर 2 महीने पहले सिंतबर में ST(अनुसूचित जनजाति) से संबंधित युवती के साथ छेड़छाड़ करने के बाद आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। अब सोमवार 20 नवंबर को पीड़िता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है।
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परिजन ने धरना दिया:
पीड़िता के परिजन मौत के बाद शव लेकर शाम को कोटखावदा थाने के बाहर धरना देने लगे। और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। देर रात तक भी पीड़िता के परिजन वहीं बैठे रहें। घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में लोग वहां एकत्र हो गए। और दौसा-चाकसू स्टेट हाईवे पर प्रदर्शन किया। इस वज़ह से वहां वाहनों की कतारे भी लग गईं।
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गिरफ्तारी की मांग:
पहले वाहनों को तहसील और पंचायत समिति कार्यालय परिसर के अंदर से निकाला गया। बाद में लोगों ने दोनों तरफ के दरवाजे बंद कर दिए। जिसकी वजह से वाहनों की कतारें लग गईं। घटना को लेकर अलग अलग पार्टी के नेता मौके पर पहुंच गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।
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पुलिस बल तैनात रहा:
घटना के बाद पुलिस उपायुक्त जयपुर पूनम चंद बिश्नोई, सहायक पुलिस उपायुक्त अजय शर्मा, चाकसू उपखण्ड अधिकारी गुलाब सिंह, कोटखावदा नायब तहसीलदार ओमप्रकाश जाटव चाकसू थाना अधिकारी कैलाश दान, शिवदासपुरा थाना अधिकारी दौलतराम गुर्जर सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना के बाद पुलिस थाने पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
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पुलिस उपायुक्त का बयान:
पुलिस उपायुक्त जयपुर “पूनम चंद विश्नोई” ने बताया कि ”घटना के बाद परिजनों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। दो माह पूर्व दर्ज मामले को लेकर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पहले भी कई बार दबिश दी, लेकिन आरोपी अभी तक फरार हैं।“
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हनुमान बेनीवाल का बयान :
भारतीय राजनेता हनुमान बेनीवाल ने भी इस घटना पर “एक्स” पर लिखा है कि “पीड़िता का परिवार स्थानीय से लेकर उच्च न्यायालय तक न्याय की मांग करता है जिसमें पीड़िता के 164 बयान दर्ज हो जाते हैं। लेकिन अब तक भी राजस्थान की पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी जो दलित हितों के संरक्षण का दावा करने वाली राजस्थान सरकार की कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है , आरोपी लगातार पीड़ित परिवार को धमका रहे थे जिसके पूरे तथ्य पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को दिए गए मगर पुलिस ने उन्हें भी अनसुना कर दिया जो राज्य सरकार के साथ पुलिस की कार्यशैली पर भी बड़ा सवालिया निशान है,पीड़िता के परिजनो के अनुसार अब आरोपियों ने पीड़िता की हत्या कर दी, चुंकी घटना दो माह पूर्व हुई मगर 2 महीने व्यतीत होने के बावजूद अभी तक सत्ता के संरक्षण की वजह से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई,अगर समय रहते पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती तो आज वो बेटी हमारे बीच जिंदा होती !”
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जयपुर पुलिस आयुक्तालय का घेराव:
हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा कि यदि राजस्थान पुलिस “राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और आजाद समाज पार्टी” से जुड़े नेता इस लड़ाई में पीड़िता के परिवार के साथ हैं। यदि राजस्थान पुलिस ने पीड़िता के परिवार द्वारा दिये गए बयान पर सहमति व्यक्त नहीं करेगी और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की गई तो “मैं स्वयं आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर आजाद के साथ जयपुर पुलिस आयुक्तालय का घैराव करूंगा ! राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और आजाद समाज पार्टी राजस्थान में प्रत्येक पीड़ित को न्याय दिलवाने के लिए संकल्पित है !”
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राजस्थान की इस घटना से यह बात तो स्पष्ट है कि राजस्थान में आज भी महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है। राजस्थान में आज भी दलितों के खिलाफ अपराध कायम है। इस तरह की घटनाएं राजस्थान की सरकार और वहां के कानून प्रशासन की लापरवाही ज़ाहिर करती है। वहां का प्रशासन भले ही दलितों की सुरक्षा का आश्वासन देता है लेकिन आज भी वह इस मामले में पिछड़ा हुआ है।
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