500 से ज्यादा दलि​त-आदिवासी-किन्नर और महिलाओं को बनाया राम मंदिर का पुजारी, 1100 लोगों को रामपंथ की दीक्षा

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“रामपंथ ने राम परिवार भक्ति आंदोलन की शुरुआत कर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आगाज कर दिया है। भगवान राम भारत खंड के सांस्कृतिक नायक हैं, वे सबके हैं और सब में हैं। दीक्षा के माध्यम से घर-घर, बस्ती-बस्ती तक राम की भक्ति पहुंचेगी। परिवार बचेगा, संबंध बनेगा और बच्चे संस्कारवान बनेंगे। दीक्षा गुरु महंत बालक दास महाराज ने कहा कि गुरु मंत्र कोई भी ले सकता है। इसमें धर्म जाति का भेद कैसा…

VARANASI NEWS : उत्तरप्रदेश में सभी धर्मों के लोगों में एकता कायम करने और धार्मिक समानता का भाव स्थापित करने के लिए यूपी में वाराणसी के लमही में राम संबंध मंदिर बनाया जा रहा है और इस मंदिर में सभी धर्मों के लोगों को प्रवेश करने का अधिकार होगा। इसके साथ ही दलित, आदिवासी और किन्नर समाज के लोगों को भी पुजारी बनने का अवसर मिलेगा।

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मंदिर में सभी धर्म के लोग प्रवेश कर सकेंगे :

दरअसल यूपी में वाराणसी के लमही में राम संबंध मंदिर बनेगा और इस मंदिर में सभी धर्म के लोग प्रवेश कर सकेंगे जो समाज में धार्मिक समानता को स्थापित करेगा। आपको बता दें कि इस मंदिर में भगवान राम के चारों भाइयों और उनकी पत्नियों को अराधना होगी। इसके अलावा मंदिर में पनवपुत्र हनुमान की भी पूजा होगी और विश्व के संबंध को बचाने का अभियान चलाया जायेगा।

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सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूत्रपात :

दरअसल धर्म नगरी काशी ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूत्रपात कर राम परिवार भक्ति आन्दोलन की शुरुआत रामपंथ ने महादीक्षा संस्कार के ज़रिये कर दिया है। बुधवार 17 अप्रैल को महादीक्षा में समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु इन्द्रेश कुमार, रामपंथ के धर्माध्यक्ष महंत बालक दास जी महाराज एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने हजारों की संख्या में आये 3 राज्यों और 11 जनपदों के लोगों को राम मंत्र देकर दीक्षित किया। दीक्षित होने वालों को भगवान श्रीराम परिवार का चित्र दिया गया , खजाने के लिये अक्षत और पवित्र माला प्रदान की गयी।

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लोगों को रामपंथ की महादीक्षा देते इंद्रेश कुमार और बालकनाथ, इमेज क्रेडिट अमर उजाला

 

1100 लोगों ने  राम परिवार भक्ति आंदोलन को देशभर में ले जाने का संकल्प लिया :

इस अवसर पर देश में पहली बार दलित, आदिवासी, मुसहर और किन्नर समाज और महिलओं को पुजारी बनने का अवसर मिला। जानकारी के मुताबिक इस अवसर पर पहले चरण में 501 लोगों को दीक्षा देकर पुजारी बनाया गया। रामपंथ ने प्रत्येक 20 परिवार पर एक पुजारी की नियुक्ति की ताकि घर-घर में प्रतिदिन भगवान श्रीराम की पूजा हो सके। महिलाओं को जानकीचार्या और पुरुषों को रामाचार्य की पद सौंपा गया। साथ ही 1100 लोगों ने दीक्षा लेकर राम परिवार भक्ति आंदोलन को देशभर में ले जाने का संकल्प लिया। महिला, दलित, आदिवासी, मुसहर और किन्नर पुजारियों का रामभक्त के लोगों ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया। जानकारी के मुताबिक महादीक्षा में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, मऊ, गाजीपुर, बलरामपुर और सिंगरौली के लोगों को दीक्षा दी गई। इस अवसर पर डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. नजमा परवीन, डॉ. मृदुला जायसवाल, ज्ञान प्रकाश, आभा भारतवंशी शामिल रहे।

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भक्ति आन्दोलन के जरिये परिवार को बचाने और सम्बन्धों के निर्माण करने का संदेश :

जब महिलाएं, दलित, आदिवासी, मुसहर और किन्नर समाज, , बाँसफोर बस्ती के लोगों को जब पुजारी बनने का अवसर मिला तो वह भावविभोर हो गये। हर दिन लोगों को भगवान राम के दर्शन करने को मिले रामपंथ ने इस तरह की व्यवस्था कर दी। पहले लोगो को ऐसा लगता था कि उनकी जाति की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है और उन्हें धर्म से दूर रखा गया है। लेकिन महादीक्षा ने अब इस मिथ को गलत साबित कर दिया है। भगवान श्रीराम परिवार भक्ति आन्दोलन के जरिये परिवार को बचाने और सम्बन्धों के निर्माण करने का संदेश दिया गया।

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रामपंथ के गुरुदेव इंद्रेश कुमार ने क्या कहा?

इस अवसर पर रामपंथ के गुरुदेव इंद्रेश कुमार ने कहा कि “रामपंथ ने राम परिवार भक्ति आंदोलन की शुरुआत कर देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आगाज कर दिया है। भगवान राम भारत खंड के सांस्कृतिक नायक हैं, वे सबके हैं और सब में हैं। दीक्षा के माध्यम से घर-घर, बस्ती-बस्ती तक राम की भक्ति पहुंचेगी। परिवार बचेगा, संबंध बनेगा और बच्चे संस्कारवान बनेंगे। दीक्षा गुरु महंत बालक दास महाराज ने कहा कि गुरु मंत्र कोई भी ले सकता है। इसमें धर्म जाति का भेद कैसा।

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महादीक्षा संस्कार में कौन कौन शामिल हुए :

“ रामपंथ के पंथाचार्य डॉ. राजीव श्रीगुरु ने कहा कि 20 से 50 घरों का भक्ति समूह बनाया जाएगा। पुजारी प्रतिदिन राम परिवार की पूजा कराकर राम अमृत लोगों तक पहुंचाएंगे। संस्कृति के विस्तार और रामभक्ति आंदोलन को जन-जन तक पहुंचने का काम रामपंथी करेंगे।महादीक्षा संस्कार में डॉ० अर्चना भारतवंशी, डॉ० नजमा परवीन, डॉ० मृदुला जायसवाल, ज्ञान प्रकाश, नौशाद अहमद दूबे, आभा भारतवंशी, मयंक श्रीवास्तव, अनन्त अग्रवाल, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, डॉ० धनंजय यादव, द्वारिका प्रसाद खरवार, अजय सिंह, अजीत सिंह टीका, अमित श्रीवास्तव, अभय राम दास, सन्नी सिंह, मनीष सिंह, रीशू सिंह, सचिन सिंह, सौरभ पाण्डेय, सत्यम सिंह, प्रवीण राय, शंकर पाण्डेय, बृजेश श्रीवास्तव, मृत्युंजय यादव, डॉ० राजकुमार सिंह गौतम, चन्दन सिंह, अंकित सिंह, विवेकानन्द सिंह, श्रीप्रकाश पाण्डेय, मो० रेहान, मो० सादिक, अलाउद्दीन भुल्लन, डॉ० मुकेश श्रीवास्तव, डॉ० भोलाशंकर गुप्ता आदि लोगों ने सहयोग किया

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