27 साल पहले दो दलित युवाओं का सिर मुंडवाने के आरोप में SC/ST कोर्ट ने YSRCP एमएलसी को ठहराया दोषी

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त्रिमुरथुलु ने कहा कि वह हाईकोर्ट के समक्ष फैसले की अपील करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी, मैं तीन बार विधायक चुना गया। आपको बता दें कि इस मामले में दोषी थोटा त्रिमुरथुलु वर्तमान में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी की ओर से मंडापेटा विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है…

ANDHRAPRADESH NEWS : आंध्रप्रदेश से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में युवाजना श्रामिका रैतु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के नेता थोटा त्रिमुरथुलु को दलित युवाओं के सिर मुंडवाने के आरोप में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। ये मामला इसलिए चौका देने वाला है क्योंकि दलितों के साथ सिर मुंडवाने की ये घटना साल 1996 में हुई थी। अब 27 साल बाद कोर्ट ने YSRCP के नेता को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 18 महीने की जेल की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि वर्तमान में थोटा त्रिमुरथुलु चुनाव लड़ रहे हैं।

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क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम का है जहां पर युवाजना श्रामिका रैतु कांग्रेस पार्टी के नेता पर 27 साल पहले हुए दलित युवाओं के सिर मुंडवाने की घटना के मामले में  कोर्ट ने उन्हें 18 महीने की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि वर्तमान में YSRCP के नेता थोटा त्रिमुरथुलु चुनाव में खडे हुए हैं। आपकों बता दें कि राज्य में 13 मई को लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों एक साथ होंगे। ऐसे में इस तरह की खबर ने विशाखापत्तनम के राजनीतिक माहौल में बवाल मचा दिया है क्योंकि आंध्रप्रदेश विधान परिषद के सदस्य के रुप में नेता थोटा त्रिमुरथुलु की प्रभावशाली छवि साबित होना असंभव है। दलितों के सिर मुंडवाने  की घटना के आरोप में थोटा त्रिमुरथुलु की सजा को कोर्ट निलंबित कर दिया है ताकि वह उच्च न्यायालय में आदेश की अपील कर सके।

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मैं तीन बार विधायक चुना गया :

कोर्ट का यह फैसला वर्तमान के चुनावों में थोटा त्रिमुरथुलु की अयोग्यता को रोकता है। क्योंकि दो साल या उससे अधिक समय के लिए दोषी ठहराए गए लोगों को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जा सकता है। टीडीपी के पूर्व विधायक और अब वाईएसआरसीपी के सदस्य त्रिमुरथुलु ने कहा कि वह हाईकोर्ट के समक्ष फैसले की अपील करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी, मैं तीन बार विधायक चुना गया। आपको बता दें कि इस मामले में दोषी थोटा त्रिमुरथुलु वर्तमान में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी की ओर से मंडापेटा विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है।

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29 दिसंबर 1996 का दलित युवाओं के सिर मुंडवाने का मामला :

जानकारी के मुताबिक पूर्वी गोदावरी जिले के रामचन्द्रपुरम मंडल के वेंकटयापालेम में 29 दिसंबर 1996 को दलित युवाओं के सिर मुंडवाने का मामला सामने आया था। मुख्य आरोप यह है कि पीड़ित कोटि चिनराजू, ददाला वेंकटरत्नम, कनिकेला गणपति, चल्लापुड़ी पट्टाभि रमैया और पुव्वला वेंकटरमण लड़कियों के साथ छेड़छाड़ में शामिल रहे हैं। इसके साथ ही इसमें अश्लील लेख लिखने का मामला पाया गया था। इनमें से चार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसके बाद थोटा त्रिमुरथुलु पर थोटा बाबुलु, थोटा रामू, थोटा पुंडरीकाक्षलु, थोटा बाबी, तलातुम मुरली मोहन, देवेला किशोर, थोटा श्रीनु, मंचम प्रकाश और अचंता रामसत्यनारायण के साथ दो पीड़ितों का मुंडन करने का आरोप लगाया गया। मुख्य आरोप ये है कि पीड़ितों को प्रताड़ित किया गया। इस मामले में उस वक्त द्रक्षारामम थाने में त्रिमुरथुलु और अन्य के खिलाफ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) अत्याचार का मामला दर्ज किया गया था।

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18 महीने की कैद और आर्थिक दंड की सजा :

अब वर्तमान में इस मामले में विशाखापत्तनम की एक एससी/एसटी अदालत ने वाईएसआरसीपी एमएलसी थोटा त्रिमुरथुलू को मंगलवार को दोषी ठहराया। उन्हें और आठ अन्य को 27 साल पहले हुए हमले के लिए 18 महीने की कैद और आर्थिक दंड की सजा सुनाई गयीं है। त्रिमुरथुलु आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले की मंडपेट विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं। कोर्ट के इस फैसले का दलितों और नागरिक समाज संगठनों ने स्वागत किया है।

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