मध्यप्रदेश : ज़मीनी विवाद में दलित पिता और बेटे की मौत, राजपूतों ने की थी बेरहमी से पिटाई

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मध्यप्रदेश  : एक दलित पिता और पुत्र की जमीन उसकी मौत का कारण बन गई. देपालपुर तहसील के ग्राम कांकवां में दंबगों की पिटाई से दलित मायाराम और उसके 32 साल के बेटे मेहरबान सिंह ने दम तोड़ दिया. मौत की सूचना मिलते परिजन और दलित समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों की मांग है कि दोषियों को फांसी और परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए.

 

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एडीएम राठौर के मुताबिक मामला देपालपुर के गौतमपुरा से लगे ग्राम कांकवां का है. जहां 2002 में 25 दलितों को जमीन के पट्टे मिले थे. जिसमें से 10 परिवार तो काबिज हो गए थे,  लेकिन 15 काबिज नहीं हो पाए थे। दरअसल इन जमीनों पर राजपूत परिवार ने कब्जा किया था. तीन साल तक कोर्ट में संघर्ष के बाद बागरी परिवार कोर्ट से जीता तो कलेक्टर के निर्देश पर इन्हें कब्जा दिलवाया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी राजपूत बाबूसिह के परिवार ने दलित परिवार को धमकी दी थी. और जब प्रशासन के कब्जा दिलवाने के बाद दलित मायाराम मौके पर पहुंचा तो बाबूसिंह, पवनसिंह राजपूत ने उन पर हमला कर दिया.

 

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राजपूतों ने दलित युवक और उसके पिता को इतना पीटा कि दलित पिता मायाराम की मौके पर ही मौत हो गई। प्रशासन बेटे मेहरबान का इलाज निजी अस्पताल में करवा रही थी. लेकिन अब जानकारी के अनुसार सिर पर गहरी चोट लगने के कारण कार्डियक अरेस्ट से मेहरबान की भी मौत हो गई.

 

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मौत की सूचना मिलते ही परिवार के लोग सदमे में आ गई साथ ही दलित समाज के लोगो ने जमकर हंगामा किया और प्रशासन से दलित परिवार को न्याय देने की मांग करते हुए, दोषियों को फांसी की मांग करने लगे और परिवार को सरकारी नौकरी की भी डिमांड की। सूचना मिलते ही कलेक्टर ने एडीएम और एसपी सहित पुलिस बल को मौके पर भेजा। हंगामे के बीच ही मेहरबान का पीएम और अंतिम संस्कार हुआ।

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