यूपी के सुल्तानपुर में हाथ में संविधान ले घोड़े पर नामांकन कराने अनोखे अंदाज में पहुंचा निर्दलीय दलित प्रत्याशी

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सुल्तानपुर में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने आए बबलू चौधरी बाल्मीकि अलग ही अंदाज में नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे, बबलू नामांकन करने के लिए घोड़े पर सवार होकर पहुंचे और हाथ में भारतीय संविधान की किताब लेकर पहुंचे, जो लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है….

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के जनपद में सुल्तानपुर में एक प्रत्याशी घोड़े पर सवार होकर अपना नामांकन कराने पहुंचे बबलू चौधरी बाल्मीकि आज चर्चा का केंद्रबिंदु बने हुए हैं। सुल्तानपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराने पहुंचे दलित प्रत्याशी हाथ में भारतीय संविधान की प्रति लेकर घोड़े पर बैठकर पहुंचे तो चर्चा का केंद्रबिंदु बन गये।

गौरतलब है कि छठे चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव में नामांकन का आज 6 मई को आखिरी दिन था। नामांकन के छठे दिन विभिन्न प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे थे। सुल्तानपुर में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने आए बबलू चौधरी बाल्मीकि अलग ही अंदाज में नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे। बबलू नामांकन करने के लिए घोड़े पर सवार होकर पहुंचे और हाथ में भारतीय संविधान की किताब लेकर पहुंचे, जो लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल बबलू चौधरी बाल्मीकि नगर के सिरवारा रोड स्थित मालिन बस्ती के रहने वाले हैं और उन्होंने सुल्तानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। चुनाव लड़ने की इसी ख्वाहिश को लिये आज घोड़े पर सवार होकर दलित प्रत्याशी बबलू कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इस दौरान उन्हें घोड़े पर नामांकन करते जाते देख लोग दंग रह गए।

पूरे रास्ते इनके समर्थक बबलू चौधरी बाल्मीकि जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। घोड़े पर सवार बबलू चौधरी बाल्मीकि कलेक्ट्रेट पहुंचे और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कर दिया। वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए बबलू चौधरी ने कहा कि आज के समय में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है और लोग रोजगार के चक्कर में बाहर जा रहे हैं। यदि मुझे मौका मिलता है तो मेरी प्राथमिकता बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की है।

बबलू चौधरी ने घोड़े पर चढ़कर आने की वजह बताते हुए कहा कि हमारे समाज का हमेशा शोषण होता आया है, इसलिए आज अपना नामांकन कराने वा घोड़े पर सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं।

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