दिल्ली के कश्मीरी गेट पर स्थित इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वुमेन में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया है। बताया जा रहा है यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सफाई कर्मियों को सिर्फ एक दिन पहले बताया गया कि कल से उन्हें काम पर नहीं आना है। अचानक नौकरी से निकाले जाने पर कर्मचारी आंदोलन कर रहे है।
वीसी और लेबर लेबर कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन
सफाई कामगार यूनियन ने सफाई कर्मचारियों के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ विश्वविद्यालय की वाइस चान्सलर और श्रम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। एसकेयू की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज़ के मुताबिक 14 सितम्बर को विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की ओर से सफाई कर्मचारियों को सूचना दी गयी थी कि मौजूदा ACME कंपनी का टेंडर खत्म होने के कारण से 15 सितम्बर से सभी सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
कैंपस में सफाईकर्मियों की एंट्री बंद
सफाई कामगार यूनियन के मुताबिक विश्वविद्यालय कैंपस में 15 सितंबर से सभी कर्मियों की एंट्री बंद कर दी गई है। अचानक लिए गए इस फैसले के खिलाफ सफाईकर्मी आंदोलन कर रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें कोई पुख्ता आश्वासन नहीं मिला है।
दिल्ली सरकार के तहत आता है विश्वविद्यालय
इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वुमेन केजरीवाल सरकार के अधीन आती है। सफाई कर्मियों की नियुक्ति के लिए कंपनी को ठेका दिया जाता है, जिसमें न ही आरक्षण के नियमों का पालन होता है और ना ही श्रम कानूनों का। सफाईकर्मियों की नौकरी जाने पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे है।
निकालने से एक महीने पहले दिया जाता है नोटिस
मौजूदा श्रम कानून के प्रावधानों के तहत यह ज़रूरी है कि नौकरी खत्म होने कि स्थिति में, कर्मचारियों को इसकी सूचना कम-से-कम एक माह पूर्व दी जानी चाहिए, जो विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। बिना पूर्व सूचना के नौकरी से निकाले जाने के कारण कर्मचरियों में डर की स्थिति उत्पन्न हो गयी है और उन्हें जीवनयापन कि चिंता सता रही है। ज्यादातर सफाईकर्मी पिछले कई सालों से यहां काम कर रहे थे।
कोरोना काल में भी काम किया लेकिन नौकरी चली गई
एसकेयू के मुताबिक सफाई कर्मियों ने कोविड-19 महमारी में लगाए गए लॉकडाउन और इसके बाद महामारी की पहली और दूसरी लहर में भी रोजाना काम किया है। महामारी के इस दौर में कई कर्मियों से अपने परिवारजनों को खोया है और उनके ईलाज के लिए कर्जा भी लेने को मजबूर हुए हैं। यहाँ कार्यरत सफाई कर्मियों के लिए यह रोजगार का एकमात्र साधन है और महामारी के इस दौर में बिना पूर्व सूचना के नौकरी से निकाला जाना न केवल सफाईकर्मियों बल्कि उनके पूरे परिवार के मुश्किलें खड़ी कर देगा।
सभी सफाईकर्मियों की बहाली हो – एसकेयू
विश्वविद्यालय में सफाईकर्मियों को महामारी के इस कठिन दौर में नौकरी से निकालना उनके लिए किसी जुल्म से कम नही है। इस संबंध में एसकेयू की यह मांग की है कि टेंडर बदलने कि स्थिति में भी सभी कर्मचारियों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाये। इस मांग को पूरा न किए जाने की स्थिति में एसकेयू ने व्यापक आंदोलन का एलान किया है।
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