बुलंदशहर के इस गांव में पुलिस न होती तो दलित दुल्हा घोड़ी नहीं चढ़ पाता

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बीते बुधवार उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में दलित युवक की बारात पुलिस की मौजूदगी में निकली। बारात निकलने के दौरान गलियों और चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। जानाकारी के मुताबिक गांव के ही कुछ लोगों ने दलित दुल्हे को घोड़ी पर न चढ़ने की धमकी दी थी जिसके बाद दलित दुल्हे ने पुलिस से बारात की निकासी के वक्त सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

पुलिस ने शान से निकलवाई बारात:

नवभारत टाइम्स के मुताबिक मामला बुलंदशहर के ककोड़ थाना क्षेत्र के एक गांव का है। जहाँ गांव के ही कुछ लोगों ने दलित दुल्हे को दलित होने की वजह से घोडी पर चढ़ने से रोक लगा दी। आज़ादी के 75 साल बीतने के बाद भी देश में दलित दुल्हे को घोड़डी चढ़ने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है। मालूम हो कि दलित दुल्हे ने घोड़ी पर बारात निकालने के लिए पुलिस से सुरक्षा की मांग की जिसके बाद पुलिस ने पूरी एहतियात के साथ दलित दुल्हे की बारात घोड़ी पर निकलवाई।

 

गांव में पहले भी हो चुका है विवाद:

बुधवार को बुलंदशहर के ककोड़ थाना क्षेत्र के गढ़ाना गांव में दलित युवक की बारात पुलिस की निगरानी में निकली। घुड़चढ़ी के लिए गांव के लोगों के विरोध के बाद दलित दुल्हे ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी।  सुरक्षा को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात रहा। बताते चलें कि इससे पहले गांव में एक दलित दुल्हे की घुड़चढ़ी के दौरान विवाद हो चुका है। यहीं नहीं कुछ दिनों पहले उत्तरप्रदेश के संभल से भी एक ऐसी ही खबर सामने आई थी। जहाँ दलित लड़की की शादी में ज्यादा दहेज देने को लेकर गांव के यादवों ने बारात निकालने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पुलिस के सुरक्षा में न केवल बारात निकली बल्कि पूरे गांव में दलित दुल्हे को घोड़ी पर बैठा कर घुमाया गया।

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