लोकसभा चुनाव 2024 के आज परिणाम आ गए हैं.. NDA और INDIA दोनों ही गठबंधनों ने इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन एक पार्टी जिसकी अध्यक्ष चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रही वो पार्टी यानी बीएसपी एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई.. क्या ये मान लिया जाए कि ये चुनाव देश की राजनीति में और लोकसभा में बीएसपी की मौजूदगी को खत्म कर देने वाला चुनाव था.. ?
इस मुद्दे पर पढ़िए मिशन अंबेडकर के संस्थापक सुरज कुमार बौद्ध का ये लेख
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम बसपा के लिए अत्यंत निराशाजनक रहे हैं। मतगणना से स्पष्ट हो गया है कि इस बार पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है क्योंकि हम एक भी सीट नहीं जीत सके। उत्तर प्रदेश में भी बसपा को केवल करीब 10% वोट ही मिले हैं। लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में हमारा 50% वोट घटा है। यह खबर निस्संदेह बसपा समर्थकों के लिए अत्यंत निराशाजनक है। हालांकि, हमें यह याद रखना चाहिए कि बहन जी, मायावती जी, ने अपने राजनीतिक करियर में इससे भी कठिन समय देखे हैं। 1995 में पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने के बाद, उन्हें कई बार सत्ता से बाहर होना पड़ा और राजनीतिक असफलताओं का सामना करना पड़ा। फिर भी, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2007 में, मायावती जी ने बसपा को पुनर्जीवित किया और उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई। इस जीत ने साबित कर दिया कि कठिन समय के बाद भी दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ सफलता प्राप्त की जा सकती है।
यह भी पढ़े : नीति बनाम राजनीति कैसे बना 2024 का चुनाव
बहन जी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सम्मान की दिशा में कई योजनाएं शुरू कीं। उनकी सरकार ने छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं को बढ़ावा दिया और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। 2007 से 2012 तक के उनके कार्यकाल में एससी-एसटी छात्रों के लिए पॉलिटेक्निक, आईटीआई, बी.फार्मा जैसी शिक्षाएं मुफ्त थीं। उन्होंने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के नियमों को सख्ती से लागू किया और इन अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानूनी सुधार किए। बहन जी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित अन्य सभी वर्गों को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बहन जी के कार्यकाल में कानून व्यवस्था का राज कायम हुआ क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति में न केवल सुधार किया बल्कि इसे कड़ाई से लागू भी किया। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए और पुलिस प्रशासन को अधिक जिम्मेदार बनाया। उनके शासन में उत्तर प्रदेश में महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।
यह भी पढ़े : हरियाणा में चुनाव सम्पन्न, इन 5 हॉट सीटों की जंग में किसकी होगी जीत, किसकी हार ?
सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। मायावती जी ने कई महत्वपूर्ण स्मारकों और पार्कों का निर्माण कराया, जो बहुजन महापुरुषों और अन्य सामाजिक सुधारकों की स्मृति को सम्मानित करते हैं। इनमें से कई पार्क और स्मारक, जैसे डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक और कांशीराम स्मारक, राज्य में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थापित हो चुके हैं। हमारे लिए, बहन जी के प्रति श्रद्धा अडिग है। राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हमें इससे विचलित होने की जरूरत नहीं है। इस कठिन समय में माननीय बहन जी के प्रति मैं अपनी पूर्ण निष्ठा और विश्वास व्यक्त करता हूँ। न कोई सवाल और न ही कोई आलोचना। हम इस विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे कि बहन जी के नेतृत्व में बसपा एक बार फिर से मजबूती से उभरेगी। हम हमेशा बहन जी के साथ खड़े रहेंगे और उनके नेतृत्व में एक बेहतर भविष्य की उम्मीद करेंगे। बहन जी हमारी हिम्मत हैं, ताकत हैं, गौरव हैं। बहन जी जिंदाबाद। बहुजन समाज पार्टी जिंदाबाद।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।