दलित दूल्हे के घोड़े पर बैठने पर बारात पर बरसाये पत्थर, भारी पुलिस की तैनाती।

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मध्यप्रदेश के छतरपुर में जातिवादियों ने किया हंगामा! दलित दूल्हे के घोड़े पर बैठने पर बारात पर बरसाये पत्थर, भारी पुलिस की तैनाती। आखिर दलित के घोड़ी पर बैठने से इन्हे क्या तकलीफ है?

ऐसी कई घटनाएं हैं जहां दलित दूल्हे को घुड़सवारी से रोका जाता है और विरोध करने पर डराया धमकाया जाता, और उनपर शारीरिक मानसिक हिंसा को अंजाम दिया जाता है। कुछ वर्ष पहले भी एक मामला सामने आया था जोकि चरखी दादरी जिले के संजरवास गांव का था। जहां शादी के लिए जा रहे बारात के साथ दलित दूल्हे संजय और उसके परिवार को राजपूत समुदाय के एक समूह ने रास्ते पर ही रोक दिया था। जब परिवार ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मार पीट भी की गई थी। इस दौरान दूल्हे के परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालाकि दलित दूल्हे संजय को कुछ चोटें आईं लेकिन पुलिस की मदद से शादि पूरी होने तक सुरक्षा सुनिश्चित किया गया।

और अब, इसी तरह की एक घटना मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का सामने आया है जहां पर एक दलित युवक घोड़े पर सवार होकर अपनी शादी के लिए परिवार के साथ जा रहा था। और उसे उच्च जातियों के लोगों द्वारा रास्ते में ही रोक दिया गया।अन्त में दलित दूल्हे और उसके परिवार को पुलिस की मदद लेनी पड़ी, तब जाकर बारात निकाली गई।

 

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