चंद्रशेखर आजाद ने सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात कर समर्थन का आश्वासन दिया और उनकी लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ने का वादा किया। उन्होंने उपचुनाव में प्रशासनिक धांधली और कम मतदान पर योगी सरकार को घेरा। 23 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे, जिन पर सभी दलों की नजरें हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव के मतदान के बाद आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने सीतापुर जेल में सपा नेता आजम खान से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने आजम खान की पत्नी और बच्चों से भी मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद चंद्रशेखर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आजम खान इस वक्त बहुत दुख और तकलीफ में हैं। उनके स्वास्थ्य की स्थिति भी ठीक नहीं है। चंद्रशेखर ने कहा, “आजम खान पारिवारिक रिश्ते में मेरे बड़े भाई जैसे हैं। मैं उनकी लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ने का वादा करता हूं। मैं उन्हें भरोसा दिलाने आया हूं कि इस कठिन समय में वह अकेले नहीं हैं।”
चंद्रशेखर का बयान: हम हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहेंगे
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी दुख और संघर्ष के समय में किसी का साथ नहीं छोड़ती। उन्होंने कहा, “जिसने मेरे लिए एक दिन भी काम किया है, मैं उसके लिए हमेशा खड़ा रहूंगा। आजम खान ने मेरे लिए हमेशा सहयोग किया है।” चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि यह समय संघर्ष का है और यह दौर जल्द ही समाप्त होगा। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में वे आजम खान के परिवार के साथ हर संघर्ष में खड़े रहेंगे।
उपचुनाव में धांधली और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग
उपचुनाव को लेकर चंद्रशेखर ने योगी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए आरोप लगाया कि प्रशासनिक मशीनरी का इस चुनाव में खुलकर दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा, “यह उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था। इसलिए प्रशासन ने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। अगर भाजपा इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती तो मुख्यमंत्री को दिल्ली में अपनी पार्टी के बड़े नेताओं को जवाब देना पड़ता।”
कम वोटिंग प्रतिशत ने बढ़ाई सभी दलों की चिंता
20 नवंबर को हुए उपचुनाव में वोटिंग प्रतिशत बेहद कम रहा। 2022 के मुकाबले इस बार मतदान में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है। 2022 में उपचुनावों में 62.14 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह आंकड़ा 60 प्रतिशत को भी नहीं छू सका। कई स्थानों पर बवाल और पुलिस प्रशासन की सख्ती को कम मतदान का कारण बताया जा रहा है। सपा ने लगातार भाजपा और प्रशासन पर बेईमानी का आरोप लगाया है।
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23 नवंबर को आएंगे नतीजे, सभी दलों की नजरें परिणाम पर
विधानसभा की नौ सीटों पर हुए इस उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। कम वोटिंग के चलते सभी राजनीतिक दल चिंतित हैं और नतीजों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। चंद्रशेखर आजाद ने सपा और अन्य विपक्षी दलों के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि यह चुनाव केवल उपचुनाव नहीं था, बल्कि लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के लिए एक परीक्षा थी। उन्होंने कहा, “आजम खान जैसे नेता, जो संघर्ष का प्रतीक हैं, उनके खिलाफ सरकार का रवैया जनता के बीच भाजपा की सच्चाई को उजागर करता है।”
सीतापुर जेल में चंद्रशेखर आजाद और आजम खान की मुलाकात ने विपक्षी एकता और संघर्ष की नई कहानी लिखी है। कम मतदान और उपचुनाव के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश की राजनीति में अगले कुछ दिनों में उथल-पुथल मचने वाली है। इन नतीजों से प्रदेश की राजनीतिक दिशा और आगामी लोकसभा चुनावों के समीकरण तय हो सकते हैं।
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