चंद्रशेखर आजाद की रैली, जो पहले 11 सितंबर 2024 को सुबह 9 बजे रामलीला मैदान में आयोजित की जानी थी, अब इंदिरा गांधी स्टेडियम में होगी। इस बदलाव की सूचना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा और उत्साह का कारण बना है, और चंद्रशेखर के नए हैशटैग #Chandrasekhar ट्रेंड करने लगा है।
भारत बंद के बाद, आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से लोकसभा सांसद, चंद्रशेखर आज़ाद ने लोगों से 11 सितंबर 2024 को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित होने वाली महा रैली में शामिल होने का आह्वान किया है। रैली का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आवाज उठाना है, जो आरक्षण को उप-वर्गों में बांटने की अनुमति देता है। इस निर्णय के विरोध में रैली आयोजित की जा रही है, जिसमें सामाजिक समानता और आरक्षण नीति की रक्षा के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया जाएगा। चंद्रशेखर आजाद ने इस परिवर्तन की जानकारी देने के लिए व्यक्तिगत रूप से कॉल किया था, और उनके ऐलान के बाद से देश भर से लोग रैली में शामिल होने के लिए निकल चुके हैं। इस रैली को लेकर एक बड़ा आंदोलन बनने की उम्मीद है, और यह आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण मुद्दा साबित हो सकता है।
रैली राजनीतिक माहौल में एक बड़ा बदलाव ला सकती है
रैली के आयोजन स्थल का परिवर्तन और चंद्रशेखर आजाद की सक्रियता ने यह संकेत दिया है कि यह रैली राजनीतिक माहौल में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। आयोजकों ने इंदिरा गांधी स्टेडियम को बड़ी संख्या में लोगों के जुटने के लिहाज से चुना है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी समर्थकों को जगह मिल सके।
चंद्रशेखर आज़ाद ने दलित समुदाय के लिए उठाई आवाज
बता दें, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय ने SC और ST श्रेणियों के भीतर आरक्षण को विभाजित करने की अनुमति दी है, जिसे कई लोगों ने विरोध किया है। चंद्रशेखर आज़ाद और उनके समर्थक इस फैसले को आरक्षण की मूल अवधारणाओं के खिलाफ मानते हैं ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत, अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण और कोटा प्रदान करने की अनुमति दी गई है, जो आरक्षण के सिद्धांतों को कमजोर कर सकता है। चंद्रशेखर आज़ाद का कहना है कि यह फैसला पहले से ही कमजोर और वंचित जातियों के बीच असमानता को बढ़ा सकता है।
आरक्षण में उप-वर्गीकरण फैसलें का विरोध में रैली
इस निर्णय का विरोध करते हुए, चंद्रशेखर आज़ाद ने 11 सितंबर को दिल्ली में आयोजित महा रैली के लिए लोगों को आमंत्रित किया है। इस रैली का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एकजुट होकर सरकार और न्यायपालिका तक अपनी आवाज पहुंचाना है। चंद्रशेखर आज़ाद ने अपील की है कि लोग अपने गाँव, कस्बों, और शहरों में जागरूकता फैलाएं और अधिक से अधिक लोगों को रैली में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। यह आंदोलन पूरे समाज के लिए है, जो आरक्षण के मूल सिद्धांतों में विश्वास करता है और इसका उद्देश्य आरक्षण प्रणाली को कमजोर करने वाले निर्णयों के खिलाफ एकजुट होना है।
महा रैली के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:
आरक्षण का विभाजन: सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के तहत SC और ST श्रेणियों में उप-वर्गीकरण और कोटा देने की अनुमति मिल गई है। यह निर्णय आरक्षण के मूल सिद्धांतों को कमजोर कर सकता है और पहले से ही कमजोर जातियों के बीच असमानता को बढ़ा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: इस फैसले के विरोध में रैली आयोजित की जा रही है। आयोजकों का कहना है कि यह निर्णय समाज के हाशिए पर रखे गए वर्गों के अधिकारों और समानता को प्रभावित करेगा।
सरकार पर दबाव: रैली का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना है कि वह आरक्षण नीति को किसी भी तरह से कमजोर न करे और इससे संबंधित फैसलों की समीक्षा की जाए।
सामाजिक समानता: चंद्रशेखर आज़ाद और उनके समर्थक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आरक्षण प्रणाली का मूल उद्देश्य, जो समाज के निचले तबके के उत्थान के लिए है, कायम रहे।
जागरूकता और समर्थन: रैली में लोगों से अपील की जा रही है कि वे इस मुद्दे को गहराई से समझें और बड़े पैमाने पर रैली में शामिल होकर एकजुटता दिखाएं।
यह रैली समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाकर आरक्षण के मुद्दे पर एक सशक्त संदेश देने का प्रयास करेगी।
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