रविवार 1 अक्टूबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में BSP सुप्रिमों मायावती ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की बैठक बुलाई। इस बैठक में लोकसभा चुनावों में पार्टी किन मुद्दों को लेकर चलने वाली है साथ ही विपक्ष की किन चीजों पर ध्यान देना ज़रूरी है जैसी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड स्टेट के पदाधिकारी सामिल हुए थे। आपकों बता दें कि BSP सुप्रिमों मायावती ने केंद्र स्तर पर बने दोनों गठबंधनों यानी NDA और INDIA में शामिल ना होने का फैसला किया है। जिसके बाद से मायावती चुनावों के लिए क्या रणनीति बना रही है यह जानने के लिए हर एक विपक्षी पार्टी और जनता आतुर है।
यह भी पढ़े : केरल में 18 सालों से न्याय मिलने का इंतेज़ार कर रही दलित महिला चित्रलेखा, कहा, परिवार आत्महत्या की कगार पर
गठबंधन में नहीं होंगे शामिल :

बैठक में बीएसपी सुप्रिमों मायावती ने फिर एक बार इस बात को सटीक और सीधे तरीके से खारिज कर दिया कि बीएसपी सत्ता धारी NDA और विपक्ष के गठबंधन INDIA में शामिल नहीं होगी। बीएसपी अपनी ताकत को मजबूत बनाकर कार्य करना करेगी और पहले की तरह ही अपने बलबूते पर ही आगे बढ़ती रहेगी है।
यह भी पढ़े : उत्तरप्रदेश : दलित बच्ची से रेप और पिता की हत्या मामले में BJP नेता गिरफ्तार
मीडिया पर निशाना :
अपनी बैठक में सुप्रिमों मायावती ने मीडिया और लगातार बीएसपी और मायावती को लेकर चल रही गलत खबरों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, चुनावों और पार्टी के गठबंधन में शामिल होने को लेकर कई फेक न्यूज़ और प्रचार प्रसार हो रहे है। पार्टी के लोगो के इन सभी चीज़ों से सावधान होते हुए अपना काम करना है। बैठक में मायावती ने कहा, “बी.एस.पी. विरोधी तत्व राजनीतिक साजिश के तहत बीच-बीच में इस प्रकार का दुष्प्रचार करते रहने से अभी भी रूक नहीं रहे हैं इसीलिए सावधानी हर स्तर पर बरतना बहुत जरूरी है ताकि अपनी चुनावी तैयारी किसी भी प्रकार से प्रभावित न होने पाए।

यह भी पढ़े : जब डॉ अंबेडकर ने बचाई थी महात्मा गांधी की जान
भाजपा की रणनीति पर ये कहा :
बैठक में मायावती ने कहा कि “यह कहना अभी मुश्किल है कि देश वे लोगों की ज्वलन्त समस्यायें चुनावी मुद्दा बन पाएंगी या नहीं। उन्होनें आगे ये भी कहा कि भाजपा और भाजपा की सरकार द्वारा लगातार नई चुनावी रणनीति अपनाई जा रही है। मायावती ने कहा, “ सत्ताधारी पार्टी भाजपा व उनकी सरकार द्वारा इस बार फिर से नई चुनावी रणनीति अपनाये जाने का संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद देश व यहाँ के लोगों की ज्वलन्त समस्यायें जैसे विचलित करने वाली महंगाई, अति गरीबी, बेरोजगारी, आय में कमी, एवं बदहाल सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास तथा अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था आदि लोगों के दिल-दिमाग पर हावी जरूर है किन्तु यह कितना गंभीर चुनावी मुद्दा बन पाएगा यह अभी कहना मुश्किल, क्योंकि जनहित एवं जनकल्याण के इन मामलों में भाजपा व कांग्रेस का रवैया लगभग एक जैसा ही जनविरोधी देखने को मिलता रहा है।“
यह भी पढ़े : बिहार : दलित महिला को नग्न कर घुमाया, पिलाया पेशाब, एससी,एसटी एक्ट में दर्ज मामला, नहीं हुई गिरफ्तारी
आरक्षण को बनाया जा रहा निश्प्रभावी :
बीएसपी सुप्रिमों मायावती ने बैठक में आरक्षण का मद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, एससी, एसटी व ओबीसी समाज के लोगों को सदियों से सामाजिक एवं आर्थिक शोषित और अन्याय से मुक्ति और उनकी समानता आदि के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। लेकिन आरक्षण को लगातार निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, सदियों से जातिवाद के आधार पर सामाजिक एवं आर्थिक शोषण,
अन्याय व गैर-बराबरी का शिकार रहे बहुसंख्यक एससी, एसटी व ओबीसी समाज के लोगों को मुक्ति एवं उनकी समानता आदि के लिए आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की गयी है किन्तु इसको भी निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने का प्रयास हर स्तर पर लगातार जारी है और ऐसे में आरक्षण को बेरोजगारी दूर करने तथा अन्य और भी दिखावटी बदलाव का कारण नहीं बनने देना चाहिए और जब तक समाज में व सरकार में भी गैर बराबरी वाली नीयत व नीति जारी रहेगी तब तक आरक्षण का सही लाभ लोगों को नहीं मिल पाएगा तथा यह केवल कागजी सुविधा बन कर रह जाएगी।“
यह भी पढ़े : हिंदु कोड बिल और डॉ अंबेडकर का इस्तीफा
बुल्डोज़र कार्यवाही पर भड़की मायावती :
बैठक में गंभीर हालातों का उल्लेख करते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि जिस प्रकार से एक व्यक्ति की केस में दोष सिद्धि से पहले ही अंधाधुंध बुलडोजर चलाकर उसके पूरे परिवार को दण्डित किया जा रहा है और उसी प्रकार किसी व्यक्ति को उसकी सजा घोषित होने से पहले ही उसके शिक्षण संस्थाओं तथा अब अस्पतालों तक को बंद किया जा रहा है, यह घोर जनविरोधी कदम है। इससे आम जनहित प्रभावित हो रहा है और लोगों की परेशानी बहुत बढ़ रही है। सरकार की ऐसी कार्रवाई जनता की नजर में द्वेषपूर्ण व पूरी तरह से गैर जरूरी साबित होती है।