दलितों-पिछड़ों के नायक और बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को 100वीं जयंती पर भारत रत्न

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दलितों और पिछड़े वर्गों के हिमायती रहे कर्पूरी ठाकुर इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाने वाले बिहार के तीसरे शख्स हैं। इससे उनके देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम यह सम्मान दर्ज है…

Bharat Ratna Award to Karpoori Thakur : पिछड़ों-दलितों को समाज में उचित स्थान और हक दिलाने वाले और बिहार के 2 बार मुख्यमंत्री रह चुके चर्चित समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत सर्वोच्च भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा की गयी है। उनको भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले की गयी है, और प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस संबंध में अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर सूचना साझा की है। गौरतलब है कि कल 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की सौवीं जयंती है, यानी यह उनका जन्म शताब्दी वर्ष है और एक दिन पहले मोदी सरकार ने उनको यह सम्मान देने का ऐलान किया है।

दलितों और पिछड़े वर्गों के हिमायती रहे कर्पूरी ठाकुर इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाने वाले बिहार के तीसरे शख्स हैं। इससे उनके देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम यह सम्मान दर्ज है।

कर्पूरी ठाकुर को यह महान सम्मान दिये जाने पर उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने मीडिया से कहा ‘मैं मोदी सरकार को यह फैसला लेने के लिए बिहार के 15 करोड़ लोगों की ओर से धन्यवाद देना चाहता हूं।’

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिये जाने की सूचना अपने एक्स एकाउंट पर साझा करते हुए लिखा है, ‘मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान है, बल्कि हमें अधिक न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।’

24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया जिसे अब कर्पूरीग्राम के नाम से जाना जाता है, में कर्पूरी ठाकुर का जन्म हुआ था। वे बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे और एक बार उपमुख्यमंत्री। दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहने वाले कर्पूरी ठाकुर ने पहली बार 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीता था, जिसके बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी भी नहीं हारे। कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री 2 बार जरूर रहे, मगर उनका कार्यकाल मात्र ढाई साल रहा। सबसे बड़ी बात यह है कि वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।

भारत रत्न सम्मान का इतिहास
आजादी के बाद यानी आज से लगभग 68 साल पहले भारत रत्न सम्मान देने की शुरुआत की गयी थी। सबसे पहल वर्ष 1954 में आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राज गोपालाचारी, वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न दिया गया था।

मोदी सरकार ने अपने दो कार्यकाल यानी करीब 10 साल में अब तक पांच हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया है। कर्पूरी ठाकुर यह सर्वोच्च सम्मान पाने वाले छठी हस्ती हैं। दिवंगत प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख से पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका है।

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