हिरासत में लेने के बाद भी नहीं डरी दलित प्रोफेसर ऋतु सिंह, कहा ‘ना डरेंगे ना झुकेंगे ना हटेंगे…’

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‘देश की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे जातिवाद के खिलाफ डॉ. ऋतु सिंह एक बड़ा आंदोलन चला रही हैं, जिसमें वह अकेली नहीं हैं। हम सब न्यायपसंद देशवासी उनके साथ हैं। कल रात को डिटेन कर लिया गया था आज फिर से आंदोलन वहीं शुरू होगा। तानाशाही से डरने वाले नही हैं….’

Dalit Professor Dr. Ritu Singh Protest : दिल्ली विश्ववि़द्यालय के दौलतराम कॉलेज में पढ़ा चुकीं दलित प्रोफेसर रितु सिंह लंबे समय से कॉलेज की प्रोफेसर के खिलाफ जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगातार धरना दे रही हैं। कल 19 जनवरी की रात को उन्हें समर्थन देने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद समेत हजारों की संख्या में छात्र पहुंचे थे। भारी जन हुजूम के बीच दिल्ली पुलिस ने डॉ. रितु सिंह के साथ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद समेत ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलकर रखने वाले महमूद प्राचा को गिरफ्तार करके हिरासत में ले लिया।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय की दलित प्रोफेसर डॉ. ऋतु सिंह द्वारा उत्पीड़न के विरोध में दिए जा रहे धरने में कल 19 जनवरी को जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर शेखर आजाद पहुंचे तो आर्ट्स फैकल्टी के पास किए गए प्रदर्शन में करीब दो से तीन हजार छात्र और कार्यकर्ता शामिल थे।

इस दौरान अपनी बात रखते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि डॉ ऋतु सिंह का जातिगत उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेरा उनकी लड़ाई को पूरा समर्थन है। जब तक डॉ. ऋतु को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। हजारों की तादाद में पहुंचे प्रदर्शनकारियों को देखकर दिल्ली पुलिस भी भारी दल-बल के साथ वहां मौजूद थी। नॉर्थ कैंपस के आर्ट फैकल्टी की तरफ जाने वाले कई मार्ग पर बैरिकेडिंग तक लगाये गये थे।

धरने में शामिल हुए चंद्रशेखर आजादी और अन्य प्रदर्शनकारी डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह से मुलाकात की मांग कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों का काफिला जैसे ही वीसी कार्यालय की तरफ बढ़ा, दिल्ली पुलिस ने तुरंत बैरिकेडिंग कर उनका रास्ता रोक लिया और तीखी नोकझोंक और बहस के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, डॉ. ऋतु सिंह और ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले वकील महमूद प्राचा समेत सैकड़ों छात्रों को अपनी हिरासत में ले लिया।

गौरतलब है कि डॉ. ऋतु सिंह मांग कर रही थी कि डीयू एससी व एसटी सीट के लिए विशेष भर्ती ड्राइव शुरू करे। बकौल ऋतु सिंह उन्हें अभी तक दौलतराम कॉलेज प्रशासन ने निष्कासित नहीं किया है, बल्कि मौखिक रूप से कॉलेज न आने का आदेश दिया गया है।

ऋतु सिंह आरोप लगाती हैं कि दलित होने की वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है, इसलिए दौलतराम कॉलेज की जातिवादी प्रिंसिपल की बर्खास्तगी को लेकर वह धरना दे रही हैं। डीयू के दौलतराम कॉलेज में एडहॉक के आधार पर पढ़ाने वाली दलित शिक्षिका ऋतु सिंह को निकाले जाने का मामला कोर्ट में चल रहा है।

दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ फिर से धरने पर डटे रहने का संकेत भी डॉ. ऋतु अपने एक्स हैंडल पर शेयर एक पोस्ट के माध्यम से दे रही हैं। दिल्ली पुलिस द्वारा डंडा हाथ पर उठाये प्रदर्शनकारियों को डराये जाने का एक स्कैच शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है,

‘कफन बंधे हैं सिरों परए मुट्ठी में इंकलाब है
ढूंढने निकले हैं दुश्मन लोग मेरे गांव के।
हर रुकावट चीख़ती है ठोकरों की मार से,
बेडि़यां खनका रहे हैं लोग मेरे गांव के।
लड़ेगे अंत तक आखिरी सांस तक।
नीली क्रांति है। यह तस्वीर आज के हालात बयां करती है, लेकिन ना डरेंगे ना झुकेंगे ना हटेंगे।’

दलित सामाजिक कार्यकर्ता निर्देश सिंह ऋतु सिंह मामले में कहती हैं, ‘देश की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे जातिवाद के खिलाफ डॉ. ऋतु सिंह एक बड़ा आंदोलन चला रही हैं, जिसमें वह अकेली नहीं हैं। हम सब न्यायपसंद देशवासी उनके साथ हैं। कल रात को डिटेन कर लिया गया था आज फिर से आंदोलन वहीं शुरू होगा। तानाशाही से डरने वाले नही हैं।’

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