भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य स्वतंत्रा देव सिंह ने अपनी एक स्पीच में सोमवार को सम्बोधन करते हुए दलित समाज पर तंज कसते हुए कहा कि दलितों को समझाओ की मतदान केवल राष्ट्रवाद के लिए होता होता हैं न की जातिवाद के नाम पर होता हैं ,उनके इस बयान पर जंहा वहां मौजूद लोगों ने जयश्रीराम के नारे लगए तो वही चारो तरफ दलित नेताओ से लेकर पत्रकार और अन्य लोगो ने आड़े हाथो लिया हैं.
स्वतंत्रा देव सिंह ने कहा की , ‘आपके नजदीक के गांव में रहने वाले 100 दलितों के यहां चाय पियो. 10 दलितों, 100 दलितों के यहां चाय पियो और उसको समझाओ… मतदान जाति के नाम पर नहीं होता है, मतदान पैसे के नाम पर नहीं होता है, मतदान क्षेत्रवाद के नाम पर नहीं होता है. मतदान राष्ट्रवाद के नाम पर होता है. भारत माता की स्वतंत्रता के लिए लोग फांसी के फंदों पर लटक गए थे. उनके परिवार के कौन विधायक-सांसद हैं? देश को आजाद कराने के लिए वो शहीद हो गए, उनके परिवार का कौन है विधायक सांसद?
जिस दलित समाज का ‘राष्ट्रनिर्माण’ में सबसे अधिक योगदान है अब उसे ‘राष्ट्रवाद’ सिखाएगी भाजपा?
दलित समाज ने हमेशा विभाजनकारी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष किया और सत्य का साथ दिया।
सत्ता और सचिवालय के लिए ‘सहूलियत’ और ‘समझदारी’ की राजनीति किसने की है सब जानते हैं।
शर्मनाक बयान। https://t.co/PXhf4Svanu
— Rohini Singh (@rohini_sgh) November 15, 2021
रोहिणी सिंह जो की एक पत्रकार हैं उन्होंने ट्वीट कर कहा , जिस दलित समाज का ‘राष्ट्रनिर्माण’ में सबसे अधिक योगदान है अब उसे ‘राष्ट्रवाद’ सिखाएगी भाजपा? दलित समाज ने हमेशा विभाजनकारी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष किया और सत्य का साथ दिया।सत्ता और सचिवालय के लिए ‘सहूलियत’ और ‘समझदारी’ की राजनीति किसने की है सब जानते हैं।
https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1460123891523723264?s=20
वही रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी ट्वीट कर कहा कि, दलितों के लिए आपकी ऐसी संकीर्ण मानसिकता? क्या दलित समाज में अपना नेता चुनने की समझ नहीं है? क्या दलित समाज राष्ट्रवादी नहीं है?जिन्ना, पाकिस्तान और तालिबान पर बहस करने वाली मुकेश अंबानी की मीडिया क्या इस पर बहस करेगी?यह बयान समस्त दलित समाज का घोर अपमान है।
सवर्ण नेता सोचते हैं दलितों के साथ खा पीकर वो दरियादिली दिखा रहे हैं. यूं प्रचारित करते हैं मानो एहसान घिस रहे हों कि देखो, हमने तुम्हें साथ बिठाने लायक समझा. पार्टियां जातिगत समीकरण देखकर प्रत्याशी उतारें, CM और मंत्री चुनें, लेकिन दलित को दें राष्ट्रवाद का उपदेश! https://t.co/8BmsuRCDwG
— Swati Mishra (@swati_mishr) November 15, 2021
ललनटॉप की पत्रकार ने ट्वीट किया कि , सवर्ण नेता सोचते हैं दलितों के साथ खा पीकर वो दरियादिली दिखा रहे हैं. यूं प्रचारित करते हैं मानो एहसान घिस रहे हों कि देखो, हमने तुम्हें साथ बिठाने लायक समझा. पार्टियां जातिगत समीकरण देखकर प्रत्याशी उतारें, CM और मंत्री चुनें, लेकिन दलित को दें राष्ट्रवाद का उपदेश!
दलित आपका फर्जी राष्ट्रवाद जानता है, हाथरस की बेटी के बलात्कार के बाद हत्या से लेकर आगरा के अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत तक हम दलितों को सब याद है।
अब बीजेपी तो गई,दलित सत्ता से आपको बेदखल करने को तैयार है। https://t.co/AOKTrVkOib
— Sandeep Singh (@ActivistSandeep) November 15, 2021
एक्टिविस्ट संदीप सिंह ने कहा ने तंज कसते हुए कहा कि, दलित आपका फर्जी राष्ट्रवाद जानता है, हाथरस की बेटी के बलात्कार के बाद हत्या से लेकर आगरा के अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत तक हम दलितों को सब याद है।अब बीजेपी तो गई,दलित सत्ता से आपको बेदखल करने को तैयार है।
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
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