‘सुल्ली डील’ के बाद अब ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल

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‘बुल्ली बाई’ नाम के विवादास्पद ऐप की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। इस ऐप पर बिना अनुमति के 100 से भी ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की फोटो अपलोड की गई हैं। साथ ही फोटो के साथ प्राइस टैग लगाकर डील ऑफ द डे लिखा गया है। प्रमुख अभिनेत्री शबाना आज़मी, कई महिला पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित 100 से अधिक मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ऐप पर नीलामी के लिए अपलोड की गई ।

बुल्ली बाई ऐप में लापता छात्र नजीब अहमद की 65 वर्षीय मां फातिमा नफीस और खालिदा परवीन जैसी महिलाओ बुजुर्ग महिलाओं को भी इस ऐप के पीछे अपराधियों ने नहीं बख्शा। एक साल से भी कम समय में यह ऐसा दूसरा प्रयास था जब मुस्लिम महिलाओं को इस तरह नीलम किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में इससे मिलते-जुलते नाम वाला ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाया गया था। इसे भी बुल्ली बाई ऐप की तरह गिटहब पर ही बनाया गया था। इस एप पर भी मुस्लिम महिलाओं की फोटो उनके सोशल मीडिया अकाउंट से उठाकर अपलोड कर दी गई थीं। विरोध के बाद इस ऐप को हटा दिया गया, बुल्ली बाई ऐप भी काफी हद तक सुल्ली बाई एक की तरह ही है। यहां पर भी मुस्लिम महिलाओं की फोटो लगाई गई है और महिलाओं की फोटो के साथ प्राइस टैग भी लिखा हुआ है।

बुल्ली बाई गिटहब नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद था। एक सोशल मीडिया यूजर के मुताबिक जैसे ही आप इसे खोलते हैं सामने एक मुस्लिम महिला का चेहरा आता है, जिसे बुल्ली बाई नाम दिया गया था। टि्वटर पर मजबूत प्रजेंस वाली मुस्लिम महिलाओं का नाम इसमें इस्तेमाल किया गया और उनकी तस्वीर को बुल्ली बाई के तौर पर प्रदर्शित किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, एक फेक नाम वाले एक टि्वटर हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा है और वो हैंडल जो की खलिस्तान को स्पोर्ट कर रही थी और लिखा है कि इस एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बुक किया जा सकता है।

खलिदा परवीन जो कि 50 साल के करीब हैं उनकी भी फोटो इस ऐप में नीलाम की गई है जिस पर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई हैं।

ALTNews के को-फाउंडर जुबेर ने ट्वीट करते हुए कहा कि “बुल्ली बाई: भारत की मुस्लिम महिलाएं फिर से ‘नीलामी’ के लिए ऐप पर है, ऐप पर 100 से अधिक महिलाओं को ‘नौकरियों के रूप में बिक्री के लिए’ प्रदर्शित किया।”

 

द वायर की पत्रकार इस्मत आरा ने कहा कि “मुस्लिम महिलाओं को वर्ष की शुरुआत डर और घृणा की भावना से करनी पड़ी है”

रेडियो जॉकी सायमा ने ट्वीट करते हुए कहा “आपत्तिजनक #BulliDeals में #SulliDeals के समान मेरे सहित कई मुस्लिम नाम हैं, यहां तक ​​कि नजीब की मां को भी नहीं बख्शा गया है. यह भारत की टूटी-फूटी न्याय व्यवस्था, एक जर्जर कानून-व्यवस्था व्यवस्था का प्रतिबिंब है। क्या हम महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बनते जा रहे हैं?”

एक ट्विटर यूज़र खुशबु खान ने पुरे मामले को एक के बाद एक आठ ट्वीट करके पिछले साल से लेकर अब तक हुए पुरे मामले की जानकारी दी उन्होंने विस्तार से पुरे मामले को सोशल मीडिया पर शेयर किया।

 

दक्षिण एशियाई इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ऑड्रे ट्रुशके ने ट्वीट करते हुए कहा कि “इस भयानक दुर्व्यवहार का सामना करने वाली महिलाओं के साथ एकजुटता, हाल के वर्षों में भारत में पनपे कुप्रथा और इस्लामोफोबिया दोनों में निहित है।

https://twitter.com/AudreyTruschke/status/1477628063718461450?s=20

सोशल मीडिया पर मामले को लेकर बहस छिड़ गई हैं और सभी ने मामले के पीछे आपराधियो के खिलाफ कारवाही मांग की हैं। द वायर की पत्रकार इस्मत आरा, जिनका नाम भी इस ऐप में है उन्होंने पुरे मामले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हैं उन्होंने कहा कि “सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के पीछे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और परिणामी कार्रवाई के लिए मैंने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में एक शिकायत दर्ज कराई है।”

 

 

जर्नलिस्ट राणा अय्यूब ने उन महिलाओ को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा कि ” हम इसमें एकसाथ हैं, @IsmatAraa @khanthefatima @iamrana @_सायमा और अन्य बहादुर मुस्लिम महिलाएं, जो एक उद्दंड आवाज के साथ हैं, जो सत्ता में बैठे लोगों की चुप्पी और समर्थन से सक्षम इस विकृत #BulliDeals द्वारा चुप रहने से इनकार करती हैं।”
@नरेंद्र मोदी

बुल्ली बाई ऐप पर नजीब की माँ की फोटो को भी डाला गया है जिस पर विनोद कापरी ने ट्वीट किया कि “5 साल 3 महीने से 52 साल की जो माँ फ़ातिमा अपने बेटे के लिए भटक रही है,बीमार घिनौने हिंदू कट्टरपंथियों ने उस माँ को भी नहीं छोड़ा।क्यों देश को तबाह करने पर तुले हो
@narendramodi? याद रखिएगा, इतिहास इस अहंकार और संवेदनहीनता को कभी माफ़ नहीं करेगा।

फिल्म अभिनेत्री ऋचा चड्डा ने इस्मत आरा के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा में तुम्हारे साहस को सेल्यूट करती हूँ.

https://twitter.com/RichaChadha/status/1477628234837598208?s=20

बुल्ली बाई गिटहब नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद था। एक सोशल मीडिया यूजर के मुताबिक जैसे ही आप इसे खोलते हैं सामने एक मुस्लिम महिला का चेहरा आता है, जिसे बुल्ली बाई नाम दिया गया था। टि्वटर पर मजबूत प्रजेंस वाली मुस्लिम महिलाओं का नाम इसमें इस्तेमाल किया गया और उनकी तस्वीर को बुल्ली बाई के तौर पर प्रदर्शित किया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, एक फेक नाम वाले एक टि्वटर हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा है और वो हैंडल जो की खलिस्तान को स्पोर्ट कर रही थी और लिखा है कि इस एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बुक किया जा सकता है।

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