MP में बीमार पत्नी को 10 किलोमीटर कंधे पर लादकर अस्पताल पहुंचा आदिवासी शख्स, वीडियो वायरल

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MP से पहले भी अनगिनत ऐसी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं जिनमे एम्बुलेंस न मिलने पर कभी कंधों पर, कभी बाइक पर तो कभी साइकिल और रेड़ी तक पर मरीज़ों को अस्पताल पहुंचते देखा गया है। ये मामले तब ज़्यादा बढ़ जाते हैं, जब बात दलित, आदिवासी समाज की आती है….

Adivasi news in Madhya Pradesh  : मध्य प्रदेश सरकार में आदिवासियों को एक एम्बुलेंस तक नसीब नहीं हो रही है। मध्यप्रदेश के ऊर्जावान कहे जाने वाले जिले सिंगरौली के सराई थाना क्षेत्र के बिलवानी गांव से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जो MP सरकार के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है। घटना गुरुवार 11 अप्रैल की है, जब बिलवानी गांव के आदिवासी दंपती ने एम्बुलेंस के लिए सरकारी नंबर पर कॉल किया, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली। हार कर बीमार पत्नी को पति 10 किलोमीटर तक अपने कंधों पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य भवन जाने के लिए घर से निकल पड़ा।

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो :

बता दें कि इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई। लोगों ने इस घटना को लेकर MP सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। आदिवासियों से जुड़ी आवाज़ उठाने वाले ट्राइबल आर्मी नाम के सोशल मीडिया अकाउंट ने वीडियो शेयर कर लिखा, ” मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में आदिवासी व्यक्ति को अपनी बीमार पत्नी के ईलाज के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। 10 किलोमीटर तक अपनी बीवी को कंधे पर लादकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक लाना पड़ा। यह शर्मनाक तस्वीर केंद्र और राज्य में लंबे समय से शासन में बैठी बीजेपी सरकार के ऊपर कलंक है।”

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राहगीरों ने बनाया वीडियो :

घटना गुरुवार की बताई जा रही है। जब एम्बुलेंस न मिलने पर आदिवासी व्यक्ति अपनी पत्नी को अपने कंधों पर 10 किलोमीटर पैदल चल कर उसे अस्पताल ले कर गया। इस दौरान राह चलते लोगों ने जब यह देखा तो इसकी वीडियो बना ली। वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की गई, जिसके बाद तमाम मीडिया संस्थानों ने इस वीडियो को शेयर किया। बहरहाल जानकारी के मुताबिक बीमार महिला की हालत स्थिर है।

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क्यों नहीं मिली एम्बुलेंस :

NBT के हवाले से घटना सामने आने के बाद जब स्वास्थ्य अधिकारियों को फोन किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। बता दें कि हर राज्य में आम नागरिक के लिए इमरजेंसी सिचुएशन के लिए सरकारी एम्बुलेंस होती है, जिसे वह एक कॉल के माध्यम से बुला सकता है। लेकिन ये घटना MP सरकार में मरीजों की अनदेखी को साफ तौर पर बयां करती है। MP से पहले भी अनगिनत ऐसी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकीं है जिनमे एम्बुलेंस न मिलने पर कभी कंधों पर, कभी बाइक पर तो कभी साइकिल और रेड़ी तक पर मरीज़ों को अस्पताल पहुंचते देखा गया है। ये मामले तब ज़्यादा बढ़ जाते है जब बात दलित, आदिवासी समाज की आती है।

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MP को शर्मसार करती कुछ घटनाएं :

पहली घटना नवंबर 2023 में मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बार-बार 108 एंबुलेंस को कॉल करने पर भी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची थी। जिसके बाद एक प्रसूता को ऑटो से अस्पताल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही ऑटो में प्रसव हो गया था।

दूसरी घटना जून 2023 की है जब मध्य प्रदेश के जबलपुर में इंसानियत शर्मसार हुई थी। जबलपुर के अस्पताल से मृत नवजात के शव को ले जाने के लिए जब कोई साधन नहीं मिला तो एक बेबस पिता थैले में अपने बच्चे का शव रखकर अपने घर डिंडौरी पहुंचा था।

तीसरा मामला दिसंबर 2023 के है जो MP के खरगोन से सामने आया था। और जिसे सुन कर कोई भी अच्छा खासा इंसान हिल जाएगा। खरगोन में कड़कड़ाती ढंड में एक पति अपनी पत्नी बैलगाड़ी पर लेकर अस्पताल पहुंचा था। वहां पहुंच कर उसने बताया कि उसने कई बार एम्बुलेंस को कॉल किया था लेकिन एम्बुलेंस व्यस्त थी इसलिए उसे अपनी गर्भवती पत्नी को बैलगाड़ी पर अस्पताल लाना पड़ा।

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