‘UP में “धनगर” खुद को दलित बता धोखाधड़ी से ले रहे अनुसूचित जाति के आरक्षण का राजनीतिक लाभ’ पूर्व दलित IPS का चुनाव आयोग को पत्र

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पूर्व दलित आईपीएस और आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसआर दारापुरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को धनगर के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए भेजा गया पत्र…

Uttar Pradesh Dhangar Caste Politics : “उत्तर प्रदेश में धनगर अनुसूचित जाति नहीं” यह बात पूर्व आईपीएस और आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसआर दारापुरी ने कही है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर धनगर के नाम पर गलत ढंग से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र लेकर आरक्षण का लाभ उठाने की चल रही धोखाधड़ी को रोकने का अनुरोध किया है।

चुनाव आयोग को भेजे गए पत्रक में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जारी उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 27 पर अंकित जाति का नाम अंग्रेजी में DHANGAR तथा हिंदी में धन्गड़ है, जोकि अधिकतर सोनभद्र जिले में निवास करती है। इसका यह अभिप्राय है कि यह जाति धन्गड़ है न कि धनगर जैसाकि अंग्रेजी के हिज्जों (spellings) से लगता है।

यह देखा गया है कि उत्तर प्रदेश की पिछड़ी जाति “पाल, बघेल तथा गड़ेरिया” के कुछ लोग जिनका गोत्र धनगर है, Dhangar (धनगर) नाम से अनुसूचित जाति का गलत ढंग से जाति प्रमाणपत्र जारी करा कर अनुसूचित जाति के राजनीतिक आरक्षण का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके पूर्व भी कई लोग जैसे एसपी सिंह बघेल जो पिछड़ी जाति के हैं, धनगर के नाम से अनुसूचित जाति की विधायक तथा आगरा संसद की आरक्षित सीट जीतकर अनुचित लाभ उठा चुके हैं तथा वर्तमान में भी कुछ लोग धनगर नाम से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुनाव लड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी संभावना उत्तर प्रदेश के आगरा, हाथरस था मथुरा में बनी हुई है।

पत्रक में चुनाव आयोग का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया गया है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक प्रशासन के मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ को संबोधित पत्र संख्या 12018/1/2011-एससीडी (आर. एल. सेल) दिनांकित 25.03.2019 (प्रतिलिपि संलग्न) की ओर आकृष्ट कराना चाहूँगा जिसके प्रस्तर 3 में स्पष्ट अंकित किया गया है कि ‘वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य के लिए गड़रिया, पाल ,बघेल समुदायों को एससी के रूप में विनिष्ट नहीं किया गया है। अतः इस समुदाय के सदस्य अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र पाने के पात्र नहीं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के पत्र के पैरा 3 के अंतर्गत दिया गया यह प्रकथन है कि समूचे उत्तर प्रदेश में धनगर समुदाय को अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया गया है, सही नहीं है, इसकी बजाए धंगड़ समुदाय को अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 27 पर अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया गया है। धनगर समुदाय के सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी करना संविधान के अनुच्छेद 341 के उपबंधों तथा इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित विधि के विरुद्ध है। इस समुदाय के सदस्यों को प्रमाण पत्र जारी करना असंवैधानिक तथा गैर कानूनी है।’

पत्रक के अंत में मुख्य चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि वह मुख्य चुनाव अधिकारी, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों/रिटरनिंग अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश देने का कष्ट करें कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों के संबंध में अनुसूचित जातियों की सूची के क्रमांक 27 पर अंकित धंगड़ (हिन्दी) तथा अंग्रेजी में DHANGAR का सही संज्ञान लिया जाए तथा धनगर नाम से हिन्दी तथा अंग्रेजी में जारी किसी भी जाति प्रमाणपत्र को अनुसूचित जाति के रूप में स्वीकार न किया जाए। पत्रक की प्रतिलिपि मुख्य चुनाव अधिकारी, उत्तर प्रदेश, लखनऊ तथा जिलाधिकारी/रिटरनिंग अधिकारी मथुरा, आगरा तथा हाथरस को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक (प्रशासन) के मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ को संबोधित पत्र सहित सूचनार्थ तथा आवश्यक कार्रवाही हेतु प्रेषित की गई है।

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