बहुजन समाज को हक-अधिकार न देकर धर्म के नाम पर किया जा रहा विभाजित, OBC की गणना न कराना भी बड़ी साजिश

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जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी के अवसर पर जातिवार जनगणना सभा आयोजित हुई लखनऊ में, वक्ता बोले राजनीतिक दल जाति जनगणना कराने के मुद्दे पर सहमत हैं तो चुनावी घोषणापत्र में समयबद्ध जाति जनगणना कराने की मांग को शामिल करें….

Lucknow news : रविवार, 28 जनवरी को लखनऊ के दारूल सफा स्थित कमान हाल के ए ब्लाक में जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी के अवसर पर जातिवार जनगणना सभा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि जातिवार जनगणना साफ करेगी कि देश के सत्ता संसाधनों पर किसका कितना कब्जा है, किसका हक अधिकार आजाद भारत में नहीं मिला, कौन गुलामी करने को मजबूर हैं। देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना की जा रही है, तो ऐसे में ओबीसी की गणना न कराना एक साजिश है। बिहार सरकार द्वारा जातिवार जनगणना संपन्न कराए जाने के पश्चात सम्पूर्ण भारत में जातिवार जनगणना पर हर जगह चर्चाओं का बाजार गर्म है। बहुजन समाज को हक-अधिकार न देकर धर्म के नाम पर जनता को विभाजित किया जा रहा है।

वक्ता बोले, नब्बे के दशक में भी समाजवादी-बहुजन ताकतों ने सांप्रदायिक ताकतों को घुटने के बल ला दिया था। सूबे की राजधानी लखनऊ की यह एकजुटता पूरे देश को संदेश है कि हम एकजुट हो जाएं। राजनीतिक दल जाति जनगणना कराने के मुद्दे पर सहमत हैं तो वह चुनावी घोषणा पत्र में समयबद्ध जाति जनगणना कराने की मांग को शामिल करें।

वक्ताओं ने मांग की कि जातिवार जनगणना के साथ महिला आरक्षण में ओबीसी कोटे की गारंटी दी जाए, मंडल कमीशन की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू किया जाए, कोलेजियम सिस्टम जैसे न्यायिक नासूर को खत्म किया जाए, नियुक्तियों में आरक्षण के प्रावधानों पालन किया जाए और मानकों का अनुपालन न करने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाए। इसके अलावा निजीकरण को समाप्त किया जाए, जो भी निजी क्षेत्र हैं उनमें आरक्षण पूर्णतः लागू किया जाए। चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए EVM जैसी अविश्वसनीय पद्धति को समाप्त किया जाए, दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों के साथ सौतेला व्यबहार बंद किया जाए।

जनसभा में तय हुआ कि जिलेवार ज्ञापन, प्रेस वार्ता, संगोष्ठी, सभा, चौपाल, यात्रा, जाति जनगणना और ईवीएम के सवाल पर प्रदेश व्यापी संदेश यात्रा निकालते हुए मान्यवर कांशीराम इको गार्डेन लखनऊ में जनसभा आयोजित की जाएगी।

प्रमुख वक्ताओं में पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद, पूर्व आईएएस हरीशचंद्र, अंचल सिद्धार्थ यादव, यादव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार यादव, राजीव यादव, बांस शिल्पी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष संतोष धरकार, सचेंद्र यादव, कल्पना बौद्ध, पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव विरेंद्र यादव, अरुण खोटे, सह संपादक यादव शक्ति पत्रिका सर्वेश यादव, द जनहित के संपादक विनीत यादव, राजेंद्र सिंह यादव, महेश चंद्रा ड्रीमर, पवन यादव, कुलदीप यादव, मुमताज आलम, रामसंभार प्रजापति, ग्रुप कैप्टन दिनेश चंद्रा, किसान नेता कमलेश यादव, कर्मवीर आजाद, राम बाबू गौतम, केपी यादव, अंकुर यादव, भरत चौधरी, अमित नायब, मंडल आर्मी से अनिरुद्ध यादव शामिल रहे।

जनसभा में लालजीत अहीर, अक्षय यादव, अधिवक्ता इमरान, फुरकान, राजीव कार्तिक, अखिलेश यादव, आदियोग, आलोक यादव, अमन यादव, मलखान सिंह, दिनेश त्यागी, नंदराम, चुन्नी लाल, निशांत राज, अहद आज़मी, प्रवीण श्रीवास्तव, सुरेंद्र, अशोक, एहसानुल हक मालिक, शिव नारायण कुशवाहा, पंकज वर्मा, अरगवान, पंकज वर्मा, अनिल वर्मा, विवेक यादव, जय भीम से मेजर शेखर, शैलेंद्र मणि, दुर्गेश चौधरी, रॉबिन वर्मा, उधम सिंह आदि मौजूद थे।

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