नेमवार नरसंहार मामले में आंदोलन करेगी भीम आर्मी, दिलीप मंडल ने भी साधा RSS पर निशाना

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नेमवार नरसंहार में भीम आर्मी चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने एक बड़ा ऐलान किया है। चंद्रशेखर ने कहा है कि पीड़ित परिवार डरा हुआ है, प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। अब बड़ा आंदोलन होगा।

चंद्रशेखर ने शनिवार को ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी दी। चंद्रशेखर ने अपने ट्वीट में लिखा की “नेमावर नरसंहार में पीड़ित परिवार के सदस्यों से मेरी बात हुई। वे बहुत डरे हुए हैं। सरकार हमारे परिवार के बचे हुए सदस्यों को सुरक्षा भी नहीं दे रही है। लीपापोती करके मामले को दबाया जा रहा है। यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं। अब बड़ा आंदोलन होगा।”

उन्होंने कहा की “मध्य प्रदेश सरकार के रुख़ से परेशान नेमावर की बहन और भाई अब वहाँ असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जिन्होंने अपना लगभग पूरा परिवार खोया है, उनकी सुरक्षा तक पुलिस नहीं कर पा रही है। सरकार ने उन्हें न नौकरी दी है, न सरकारी मकान और ना ही इस नरसंहार में CBI जांच के आदेश दिए। यह शर्मनाक है।”

चंद्रशेखर ने आगे कहा कि “आखिर मुख्यमंत्री अपराधियों को बचाना क्यों चाहते हैं? पीड़ित परिवार की मांगों को सुनिश्चित किया जाए। वर्ना हम जल्द ही दोबारा नेमावर कूच करेंगे और मुख्यमंत्री आवास एवं विधानसभा भवन का घेराव करेंगे।”

इस पर दिलीप मंडल ने RSS पर निशाना साधते हुए लिखा – “RSS ने नेमावर के पीड़ित परिवार के लिए आवाज़ क्यों नहीं उठाई? उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि “हिंदू” की उनकी परिभाषा क्या है?

⁃दलित अत्याचार पर चुप।

⁃ओबीसी आरक्षण का विरोध।

⁃आदिवासियों पर अत्याचार करने वालों का समर्थन।

फिर हिंदू कौन?”

इस आंदोलन में सभी वर्ग के लोग शामिल रहेंगे। पीड़ित परिवार के लिए न्याय के लिए पुरजोर आवाज उठाई जाएगी। आंदोलन के जरिये भीम आर्मी की सरकार से मांग है की इस मामले की सीबीआई जांच हो और दोषियों को फांसी की सज़ा दी जाए। ट्विटर पर #Justice_For_Nemawar_Victims तीसरे नंबर पर ट्रेंड कर रहा है।

यह थी पूरी घटना

आरोप है कि 13 मई को नेमवार में सुरेंद्र राजपूत ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से एक आदिवासी परिवार के 5 सदस्यों की हत्या करके शव अपने खेत में दफना दिया था। डेढ़ महीने बाद पुलिस प्रशासन ने पांचो के शव को 10-12 फीट की खुदाई करके बाहर निकाला था।

हत्या का मुख्य कारण रुपाली और सुरेंद्र का प्रेम प्रसंग था। आदिवासी परिवार की बेटी रुपाली सुरेंद्र की शादी में रोड़ा बन रही थी। रुपाली सुरेंद्र पर शादी के लिए दबाव बना रही थी, जबकि सुरेंद्र की शादी कहीं और तय हो चुकी थी।

परिवार के पांच सदस्यों की हुई थी हत्या

पुलिस ने हुकुमसिंह के खेत से ममताबाई कास्ते, आरोपी सुरेन्द्र की प्रेमिका रूपाली कास्ते, दिव्या कास्ते, पूजा और पवन के शव बरामद किए थे। आरोपियों ने 13 मई को ही इन पांचो की हत्या करके दफना दिया था। 29 जून को पुलिस ने खेत में खुदाई कराकर पांचों शव बरामद किया था।

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